ओपन बार में तब्दील हो चुका है पॉलीटेक्निक मैदान!

 

 

सुबह खिलाड़ी पहले बीनते हैं शराब की बोतलों के काँच, सिगरेट के डुट्ठे!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। अंग्रेजी शराब की दुकानें तो संचालित हो रही हैं पर मयज़दों के सामने यह समस्या है कि वे मदिरा गटकें तो कहाँ बैठकर! शहर के वीरान इलाके, शालाओं के मैदान यहाँ तक कि पॉलीटेक्निक कॉलेज़ का खेल का मैदान भी खुले बार में तब्दील हो चुका है।

इस मैदान में सुबह और शाम के समय बड़ी तादाद में लोग सैर करने और खेलने के लिये आते हैं। मैदान के चारों ओर शराब की खाली बोतलें, फूटे काँच, बीड़ी – सिगरेट के ड्ट्ठे, खाली पैकेट, डिस्पोज़ेबल ग्लास, पानी के खाली पाऊच न जाने कितनी तरह की आपत्ति जनक चीजें यहाँ फैली पड़ी रहती हैं।

बताया जाता है कि रात गहराते ही इस पॉलीटेक्निक मैदान पर मयज़दों की भीड़ जुटने लगती है। शराब के शौकीनों के द्वारा मैदान में जगह – जगह गोला बनाकर, कहीं दो या चार पहिया वाहन में तो कहीं खड़े होकर ही मदिरा पान किया जाता है। अनेक बार मयज़दों के बीच वाद विवाद भी हो जाते हैं जिसके बाद शराब की खाली बोतलों पर नशैलों के द्वारा अपना गुस्सा निकाला जाता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रोज सुबह यहाँ खेलने आने वाले सद्भाव ग्रुप के सदस्यों के द्वारा मैदान पर पहुँचकर सबसे पहले मैदान में फैले काँच के टुकड़े और अन्य कचरे को बीना जाता है फिर उसके बाद खेल आरंभ किया जाता है। सद्भाव के सदस्यों ने बताया कि पॉलीटेक्निक मैदान की ख्याती इस कदर फैल चुकी है कि सुबह खाली बोतलें बीनने वाले भी यहाँ पहुँचने लगे हैं।

मज़े की बात तो यह है कि मैदान के सामने ही पॉलीटेक्निक कॉलेज़ प्रशासन के प्रोफेसर्स यहाँ तक कि प्राचार्य का निवास भी है। यहाँ निजि सुरक्षा एजेंसी का एक चौकीदार भी प्राचार्य निवास के सामने बैठकर रात भर चौकीदारी करते रहते हैं। इसके बाद भी मयज़दों के द्वारा इस तरह की हरकतों को अंज़ाम दिया जाता है, जो आश्चर्य का विषय है।

यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि मध्य प्रदेश गृह निर्माण मण्डल के द्वारा पॉलीटेक्निक कॉलेज़ की चारदीवारी का निर्माण कराया गया था। इसके एवज़ में शासन के द्वारा कुछ भूमि मण्डल को प्रदाय की गयी थी जिसमें समता नगर के एचआईजी और एमआईजी आवास बनाये गये हैं।

इस चारदीवारी में मातोश्री रेसीडेंसी के सामने एक छोटा सा छेद पहले कुछ लोगों के द्वारा कर दिया गया था, जहाँ से लोग आना – जाना करते थे। भाजपा शासनकाल में इस छोटे से छेद को बकायदा बड़ा (लगभग 25 फीट) का किया जाकर यहाँ एक रेम्प बना दिया गया है।

अब पॉलीटेक्निक मैदान से दो और चार पहिया वाहन फर्राटे भरकर आते जाते रहते हैं। यहाँ तक कि रात के समय तो यहाँ से भारी वाहन भी आना – जाना करते नज़र आते हैं। बरसात का मौसम आरंभ हो चुका है। बारिश में मैदान से गुज़रने वाले वाहनों के पहियों के निशान, इस मैदान पर बनेंगे जो सूखने के बाद खिलाड़ियों के लिये समस्या का कारण बन सकते हैं।

खिलाड़ियों और पैदल सैर करने वालों ने जिला प्रशासन से अपेक्षा व्यक्त की है कि पॉलीटेक्निक मैदान के इस अघोषित द्वार को तत्काल बंद कराया जाकर यहाँ होने वाली अनैतिक गतिविधियों पर तत्काल रोक लगायी जाये।