कब ली जायेगी भीमगढ़ की सुध!

 

 

(शरद खरे)

जिले में एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बाँध बना हुआ है। यह संजय सरोवर परियोजना का अंग है। इसे भीमगढ़ बाँध के रूप में जाना पहचाना जाता है। जिला मुख्यालय सिवनी से लगभग 43 किलो मीटर दूर छपारा के पास बने इस बाँध का स्ट्रक्चर लगभग 03 हजार 871 मीटर लंबा है। इसकी जल भराव क्षमता 519.38 मीटर है।

भीमगढ़ बाँध अपने दामन में अकूत जल को संग्रहित करके रखता है। सत्तर के दशक के अंत में इस बाँध का निर्माण पूरा हुआ था। इस बाँध के बनने के बाद सिवनी का नाम विश्व के पटल पर छा गया। सिवनी के नागरिकों का सिर फक्र से ऊँचा करने वाला और कोई नहीं सिवनी की लौह महिला स्व.विमला वर्मा थीं।

इस बाँध में हर साल बारिश के पानी के साथ अनेक प्रकार की चीजें भी बाँध के पेट में समाती रहती हैं। इसे सिल्ट या गाद कहा जाता है। हर साल गर्मी के मौसम में बाँध के डूब क्षेत्र का पानी कम होकर सूख जाता है। यही वह समय होता है जब डूब क्षेत्र से सिल्ट को खोदकर निकाला जाकर जल संग्रहण क्षमता बढ़ायी जा सकती है।

याद नहीं पड़ता कि सालों से कभी भीमगढ़ बाँध की सफाई के लिये कोई अभियान चलाया गया हो। जिला प्रशासन के द्वारा भी नदी नालों और तालाबों को साफ करने के लिये अभियान चलाया जाता है और इसकी फोटो और समाचारों के साथ पब्लिसिटी भी की जाती है।

आश्चर्य इस बात पर होता है कि लाखों करोड़ों लोगों की प्यास बुझाने वाले इस भीमगढ़ जलाशय को सालों से उपेक्षित क्यों रखा गया है। विभाग के द्वारा हर साल इसकी खुदाई कराने की बात अगर कही जाती हो तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिये। इस रस्म अदायगी में विभाग के द्वारा भारी भरकम देयकों को भी पास करा लिया जाता हो तो कहा नहीं जा सकता है।

इस साल गर्मी के मौसम में जिस तरह से पानी के संकट का सामना करना पड़ा है उसे एक चेतावनी के रूप में लिया जाना चाहिये। नागरिकों को जागरूक करने के साथ ही साथ सांसद, विधायक सहित अन्य जन प्रतिनिधियों के साथ ही साथ प्रशासन को भी इसके लिये प्रयास करने होंगे कि बारिश के जल को सहेजा जा सके।

सिवनी में जल स्त्रोत पर्याप्त मात्रा में हैं पर आवश्यकता इन्हें सहेजने की है। भीमगढ़ बाँध में अगर बड़ी मशीनें और डंपर्स आदि को लगवाकर इसकी खुदाई कर दी जाये तो आसपास के खेतों के किसान इससे निकलने वाली मिट्टी को अपने खेतों में डालकर उत्पादन बढ़ा सकते हैं।

इसके लिये जरूरत इस बात की है कि सांसद विधायक और अन्य चुने हुए प्रतिनिधि आगे आयें और जिला प्रशासन के साथ मिलकर भीमगढ़ बाँध की जल संग्रहण क्षमता को बढ़ाने के प्रयास करें। भीमगढ़ बाँध में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये भी कार्ययोजना तैयार की जा सकती है, जिससे यह क्षेत्र भी देश-प्रदेश के पर्यटन के नक्शे में स्थान पा सकेगा।