शिकारी ने पकड़ा 50 लाख कीमत का जंगली जीव

 

 

 

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

जबलपुर (साई)। जंगली जीव जंतुओं के अंगों से यौन शक्ति वर्धक दवाएं बनाने के लिए उनका शिकार किया जाता रहा है। वहीं कुछ विशेष जीवों व उनके अंगों को तंत्र मंत्र शक्ति सिद्धि के लिए भी मारा जाता रहा है।

वर्तमान में भी जंगली जीवों का शिकार इसी उद्देश्य के साथ किया जा रहा है। वन विभाग की टीम ने एक शिकारी के पास से पचास लाख की कीमत वाला जिंदा पेंगोलिन बरामद करने में सफलता पाई है। भारत में जहां पेंगोलिन तंत्र साधना के लिए खरीदा जाता है, वहीं चीन में इससे यौन शक्ति वर्धक दवाएं बनाई जा रही हैं।

वन विभाग अधिकारियों के अनुसार वन विभाग की अनुसूची में शेड्यूल 1 में रखे गए संरक्षित वन्य प्राणी पैंगोलिन की तस्करी में लिप्त गिरोह का खुलासा हुआ है। वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो, स्पेशल टास्क फोर्स एवं वन विकास निगम की संयुक्त कार्रवाई में पकड़ा गया है। धर पकड़ के दौरान गिरोह के तीन सदस्यों में से 2 भाग निकले लेकिन एक शिकारी पैंगोलिन के साथ दबोच लिया गया। पैंगोलिन की विदेशों में बहुत डिमांड है खासकर चाइना के बाजार में इसके लाखों रुपए दाम मिलते हैं। जिसके चलते पैंगोलिन शिकारियों का अंतरराष्ट्रीय गिरोह जबलपुर व आसपास के वनों में सक्रिय हुआ है। डब्लूसीसीबी द्वारा पकड़े गए तस्कर के अंतरराष्ट्रीय गिरोह से संपर्क की जांच की जा रही है।

वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के अनुसार कटनी के बड़वारा के क्षेत्रों में पैंगोलिन तस्कर गिरोह सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। इसकी सूचना मिलते ही डब्लू सी सी बी एसटीएफ जबलपुर एवं विकास निगम प्रोजेक्ट के अमले की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए बड़वारा रेंज बीट 438 से एक तस्कर को जीवित पैंगोलिन के साथ दबोच लिया गया है। इस छोटे से पेंगोलिन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 50 लाख रुपए से अधिक बताई गई है।

सवा लाख में सौदा तय है

तस्करों को पकडऩे के लिए संयुक्त टीम द्वारा जाल बिछाकर वन विकास निगम के संतोष 82 दैनिक वेतन भोगी एवं दिलबहार सिंह आरक्षक को पैंगोलिन का ग्राहक बनाकर तस्करों से संपर्क कराया गया। शिकारियों द्वारा 3 लाख रुपए की डिमांड की गई। मोलभाव के बाद सौदा सवा लाख रुपए में तय हुआ और तय समय पर इसकी डिलीवरी के लिए उन्हें बुलाया गया। जहां पहले से ही वन विभाग की टीम मौजूद थी।

चीन बनाता है यौन शक्ति की दवाई

वन विभाग के एसडीओ एसएस मरावी के अनुसार पेंगोलिन का सबसे बड़ा खरीददार चीन है। चीन में पैंगोलिन से यौन शक्ति बढ़ाने की दवाइयां बड़े पैमाने पर बनाई जाती है। जिनकी कीमत पूरी दुनिया में बहुत ऊंची होती है। लिहाजा इनकी डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। इन्हीं कारणों से पेंगोलिन विल्पुत होने की कगार पर पहुंच गया है। इसलिए भारत सरकार ने इन्हें शेड्यूल 1 में टाइगर के समकक्ष रखा है।