श्रावण माह में महाकाल के दर्शन के लिए विशेष प्लान

 

 

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

उज्जैन (साई)। पवित्र श्रावण मास में अधिक से अधिक से भक्तों को गर्भगृह से महाकाल दर्शन कराने के लिए अफसर मंथन कर रहे हैं।

अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए माइक्रो प्लान बनाया जा रहा है, जिसे जल्द ही प्रबंध समिति के समक्ष रखा जाएगा। चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। फिलहाल अधिक भीड़ भरे दिनों को छोड़ औसतन हर दिन करीब 9 हजार भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश दिया जा रहा है।

शिव को प्रिय मास श्रावण में अब 15 दिन बचे हैं। इस पावन मास में राजाधिराज महाकाल के दर्शन के लिए देश-विदेश से हजारों भक्त उमड़ते हैं। इसलिए मंदिर प्रशासन पहले से तैयारी शुरू देता है। सबसे बड़ी चुनौती कम समय से राजा के दर्शन कराने की रहती है। पिछले वर्षों में देखने में आया है कि कई बार श्रावण में मंदिर में अव्यवस्था भी सामने आई। मंदिर की सुरक्षा प्रभारी प्लाटून कमांडर रूबी यादव ने बताया कि इसे देखते हुए इस बार माइक्रो प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके लिए सभी के सुझाव लिए जा रहे हैं।

कोशिश यही है कि अधिक से अधिक भक्तों को निकट से भगवान के दर्शन कराएं। मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या भी मशीन के जरिए काउंट की जा रही है। फिलहाल सप्ताह के तीन दिन मंगलवार, बुधवार व गुरुवार को प्रतिदिन औसतन 9 हजार श्रद्धालु गर्भगृह में जा रहे हैं। अन्य दिनों में भक्तों की संख्या बढ़ने पर बाहर से दर्शन कराए जा रहे हैं।

इसी आधार पर दर्शन की व्यवस्था तय की जाएगा। जल्द ही मंदिर समिति के समक्ष प्लान रखा जाएगा। उधर, जानकार बताते हैं कि श्रावण में अधिकतम समय बाहर से ही दर्शन व्यवस्था लागू रह सकती है। क्योंकि इस मास में कमोबेश हर दिन बड़ी संख्या में भक्त उमड़ते हैं।

कावड़ यात्रियों का प्रबंधन भी बड़ी चुनौती : श्रावण में बड़ी संख्या में कावड़ यात्री भी मंदिर पहुंचते हैं। सभी की इच्छा रहती है कि गर्भगृह में जाकर भगवान को जल अर्पित करें। इससे अव्यवस्था भी निर्मित होती है। फिलहाल अफसर यह तय करने में जुटे हैं कि कावड़ यात्रियों के लिए क्या व्यवस्था की जाए। बता दें कि कावड़ यात्रियों को रविवार व सोमवार छोड़कर सप्ताह में पांच दिन जल चढ़ाने की अनुमति दी जाती है।

अस्थायी पार्किंग पर भी विचार : श्रावण में मंदिर के आसपास पार्किंग की समस्या भी सामने आती है। इसलिए अस्थायी पार्किंग बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।