डॉक्टरों ने खून की सप्लाई बंद किए बिना की हार्ट की सर्जरी

 

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च सेन्टर यानि बीएमएचआरसी के डॉक्टरों ने पिछले महीने दिल की जटिल सर्जरी की है।

डॉक्टरों ने 50 साल की एक महिला की हार्ट से मस्तिष्क को ब्लड सप्लाई करने वाली धमनियों को बदला है। बड़ी बात यह है कि इस दौरान दिमाग के लिए ब्लड सप्लाई को भी एक उपकरण के जरिए चालू रखा गया है। इस तकनीक को ह्वीट+हेमी आर्च रिप्लेसमेंट कहा जाता है। डॉक्टरों ने कहा कि प्रदेश में पहली बार इस तकनीक से सर्जरी की गई है। मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है।

बीएमएचआरसी के कार्डियक सर्जरी विभाग प्रमुख डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि गैस पीड़ित महिला सांस की तकलीफ के साथ अस्पताल के हृदय रोग विभाग में आई थी। जांच के बाद पता चला कि मरीज के हृदय के वॉल्व में कुछ खराबी है। इसके बाद हृदय रोग विभाग के डॉक्टरों ने मरीज को हृदय शल्य चिकित्सा विभाग में रेफर कर दिया। उन्होंने बताया कि मनुष्य के हृदय के वॉल्व में एक मुख्य धमनी होती है। इसे एओर्टा कहा जाता है।

जांच में एओर्टा के वाल्व में सिकुड़न व एओर्टा में सूजन होने का पता चला। सामान्य तौर पर एओर्टा की मोटाई 2 से 3 सेमी होती है, लेकिन बीमारी की वजह से यह 6 सेमी तक मोटी हो गई थी। यह बहुत खतरनाक स्थिति होती है, क्योंकि असामान्य रूप से बड़ी हो जाने से यह कभी भी फट सकती थी। एओर्टा से जुड़े होने के कारण एओर्टा आर्च (एओर्टा का ब्रेन तरफ का हिस्सा) को बदलना भी जरूरी था।

इसी वजह से जल्द से जल्द ऑपरेशन करने का फैसला किया गया। ऑपरेशन के बाद करीब 15 दिन तक मरीज को अस्पताल में रखने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। बीएमएचआरसी की निदेशक डॉ.प्रभा देसिकन ने इस सर्जरी के लिए डॉक्टरों को बंधाई दी है। उन्होंने बताया कि हृदय शल्य क्रिया विभाग अब तक 7500 सर्जरी कर चुका है।

इसलिए कठिन मानी जाती है सर्जरी

महिला की सर्जरी में शामिल बीएमएचआरसी के कार्डियक सर्जन डॉ. सौरभ नंदा ने बताया कि इस ऑपरेशन को ह्वीट+हेमी आर्च रिप्लेसमेंट कहते हैं। इसमें शरीर को 20 डिग्री के तापमान पर लाकर सीपीबी मशीन की सहायता से मस्तिष्क में रक्त प्रवाह जारी रखते हुए सिर्फ आधे घंटे में एओर्टा और उसके आधे आर्च को बदला गया। धमनियों को बदलते हुए मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह जारी रखना काफी चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने बताया कि इस सर्जरी में देरी होने से जान को खतरा रहता है।