शहर में जहाँ तहाँ पसरा है अंधेरा

 

मैं इस स्तंभ के माध्यम से ध्यान दिलाना चाहता हूँ कि सिवनी में कई महत्वपूर्ण स्थलों पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था न होने के कारण ये क्षेत्र, रात के समय में अंधेरे में डूबे हुए ही प्रतीत होते हैं।

गौरतलब होगा कि इन दिनों बारिश का मौसम आरंभ हो चुका है और भारी बारिश के दौर से सिवनी भी गुजर रहा है। ऐसे मौसम में कई प्रकार के जंतु अपने बिलों से बाहर आकर विचरण करते हैं जिनमें से कई जंतु, नागरिकों के लिये घातक भी साबित हो सकते हैं। इसके चलते इस बात की आवश्यकता बढ़ जाती है कि शहर में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था की जाये ताकि पैदल चलने वाले राहगीर किसी जहरीले जीव की जद में आने से बच सकें लेकिन कई स्थानों पर अंधेरा ही पसरा हुआ है।

सिवनी में मॉडल रोड बेहद लंबे समय से निमार्णाधीन ही है। नगर पालिका की कार्यप्रणाली को देखते हुए ये कोई नहीं जानता है कि ये मॉडल रोड आखिर कब पूरी होगी। मॉडल रोड के निर्माण के नाम पर सिवनी में सड़क किनारे लगे हुए कई पेड़ों की आनन-फानन में तो बलि दे दी गयी लेकिन उनके स्थान पर नये पेड़ अब तक नहीं लगाये जा सके हैं। अच्छा होता कि पेड़ों को हटाने के स्थान पर सबसे पहले सड़क पर लगे बिजली के खंबों को हटाया जाता जो आज भी वैसे ही लगे हुए हैं जैसे पहले थे, हाँ इनके आसपास डामरीकरण करके लीपापोती करने की कोशिश अवश्य की गयी है।

लंबे समय से निमार्णाधीन मॉडल रोड पर ही कई स्थान ऐसे हैं जो स्ट्रीट लाईट के माध्यम से पर्याप्त रूप से प्रकाशमान नहीं हैं। निमार्णाधीन मॉडल रोड पर ही आता है सर्किट हाउस चौराहा जहाँ पुलिस का कंट्रोल रूम भी स्थित है, यह चौराहा सिवनी के महत्वपूर्ण चौराहों में शुमार किया जा सकता है तभी यहाँ पर सिग्नल्स की व्यवस्था भी की गयी है लेकिन इस चौराहे पर आवश्यक स्ट्रीट लाईट न होने से ये रात के समय अंधकार में ही डूबा रहता है। इस स्थान पर हाई बीम लाईट की शीघ्र व्यवस्था किये जाने की आवश्यकता है।

इसी तरह निमार्णाधीन मॉडल रोड के ही हिस्से में कचहरी चौक भी आता है। गाँधी भवन के आसपास का यह क्षेत्र आरंभ से ही काफी महत्वपूर्ण माना जाता रहा है और यहाँ से होकर सघन यातायात गुजरता है लेकिन यहाँ भी स्ट्रीट लाईट की उचित व्यवस्था न किये जाने के कारण रात के समय ये चौराहा भी अंधेरे में डूबा हुआ प्रतीत होता है। देखा जाये तो यहाँ पाँच दिशाओं से आकर सड़कें मिलती हैं और संभवतः यह शहर का सबसे बड़ा चौराहा भी है। यहाँ ट्रैफिक सिग्नल तो लगाये गये हैं लेकिन वे तकनीकी दृष्टि से कतई उचित न होने के कारण कई वाहन चालक इन सिग्नल्स का पालन भी नहीं करते हैं। हालांकि इस स्थान पर यातायात का एक सिपाही तैनात रहता है लेकिन वह भी सिग्नल्स की तकनीकी त्रुटि के कारण मूक दर्शक ही प्रतीत होता है।

ये तो चौराहों की बात हुई लेकिन शहर के कई स्थानों पर बिजली के खंबे तो लगे हैं लेकिन उन पर लाईट की व्यवस्था न होने के कारण वे यातायात में महज बाधक ही माने जा सकते हैं। निमार्णाधीन मॉडल रोड पर तो कुछ स्थान ऐसे हैं जहाँ सड़क पर ही खंबे लगे हैं। नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर जिला प्रशासन के द्वारा ध्यान दिये जाने की महती आवश्यकता बनी हुई है लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

मंसूर नकवी