अषाढ़ जा रहा सूखा, निकल रहा पसीना!

 

 

बादलों के बीच धूप छांव का खेल जारी

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। मौसम के मिजाज को समझ पाना जरा मुश्किल ही प्रतीत होता है। कहीं धूप खिली है तो कहीं उमस लोगों की जान निकाल रही है और तो और कहीं बाढ़ का प्रकोप भी दिख रहा है। जिले में बादल मानो रूठ ही गये हैं। जरा सी झलक दिखाकर बारिश भी गायब ही होती दिख रही है।

वैसे तो काले बादलों ने जिले के आसमान के आसपास डेरा डाला हुआ है, पर जरा सी बूंदाबांदी कर वे मौन हो जाते हैं। इसके चलते अब फिर से उमस भरे बादलों के साथ बीच-बीच में तेज धूप के कारण तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। मौसम में नमी के बाद अचानक गर्मी से मच्छरों और सूक्ष्म जीवों से संक्रमण का खतरा भी बढ़ चुका है। इससे सर्दी, जुकाम, वायरल फीवर, डेंगू जैसी बीमारियां फैल रही है। ऐसे में औसत से कम बारिश होने से किसानों की दिक्कतें बढ़ती नजर आ रही हैं।

जानकारों का कहना है कि अगर इस तरह ही मानसून आँख मिचौली खेलता रहा तो जलाशयों के भरने के आसार तो दूर पीने के पानी की परेशानी भी सबसे बढ़ी समस्या है। एक समय था जब अषाढ़ में बदरा झमूकर बरसा करते थे, अब तो बारिश होने की आसार ही नजर नहीं आ रहे।

लोगों का कहना है कि इसके बाद अगर सावन में भी यही हाल रहे तो आने वाले समय में लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। एक समय था जब सावन और भादों का महीना बारिश की झड़ी के लिये ही जाना जाता था। आज अधेड़ हो रही पीढ़ी इस बात को भली भांति समझ सकती है। कुछ साल पहले तक सावन और भादों में लगातार होने वाली बारिश के चलते लोगों के गीले कपड़े भी नहीं सूख पाते थे और घरों के अंदर सीलन भरी बदबू लोगों को बीमार कर देती थी।