मक्खी मच्छरों से परेशान हैं शहरवासी

 

 

नगर पालिका प्रशासन को नहीं किसी की चिंता

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। नगर पालिका परिषद की चाल बहुत ही बेढंगी हो चली है। न तो सड़कों पर फॉगिंग मशीन ही दिख रही है और न ही सुअर या आवारा मवेशियों को पकड़ने के लिए कोई गेंग ही दिखाई पड़ रही है। शहर भर में आवारा सुअरों ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। नगर पालिका अधिकारी स्वयं इस बात को स्वीकार चुके हैं कि शहर में सुअर बहुतायत में हैं।

वैसे बारिश का मौसम शवाब पर आते ही शहर में मलेरिया एवं हैजे के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। बारिश के चलते शहर की गंदी बस्तियों एवं रिहायशी इलाकों में गंदा पानी जमा हो गया है। इसके बावजूद नपा का स्वास्थ्य अमला आँख पर पट्टी बांधे बैठा है। बीमारियों की रोकथाम और कीटाणुओं के खात्मे के लिए कहीं भी न तो कीटनाशक दवाओं का छिड़काव ही किया गया है और न ही फॉगिंग मशीन का उपयोग हो रहा है। ऐसी स्थिति में आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ ही किया जा रहा है।

मलबे में डूबी पाईप लाईन : शहर के कई इलाकों में ट्यूबवेल, नलों की टोटीं एवं पंप के आसपास गंदा मलबा और कीचड़ जमा हुआ है। लीकेज लाईनों से गंदा पानी भी नलों से सप्लाई हो रहा है। इससे हैजा एवं डायरिया होने का खतरा मंडरा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार बारिश में गंदा पानी जमा होने से मच्छरों एवं संक्रामक कीटाणु पनपने का खतरा सदैव बना रहता है। ऐसी स्थिति में महामारी भी फैल सकती है।

नहीं दिखती फॉगिंग मशीन : शहर में मच्छरों का संक्रमण खत्म करने के लिए नपा के पास फॉगिंग मशीन उपलब्ध है लेकिन इस मशीन का उपयोग पूरे वर्ष भर में यदाकदा और कुछ गिने चुने क्षेत्रों में ही किया जाता है। ऐसे में बीमारी पर कैसे रोकथाम पाया जा सकता है, निश्चित ही जब कभी भी फॉगिंग मशीन निकली है वह सिर्फ और सिर्फ रस्म अदायगी के लिये ही निकली है। लंबे समय से पालिका की फॉगिंग मशीन भी दिखाई नहीं पड़ी है।

शहर के जिन भी सौभाग्यशाली लोगों ने फॉगिंग मशीन को चलते हुए देखा होगा वे स्पष्ट बता सकते हैं कि उस दौरान मशीन से छोड़ा जाने वाला धुआं सिर्फ धुआं ही मात्र होता था। उस धुएं में कहीं भी दवाई की गंध नहीं आ रही थी। ऐसे में मच्छरों के लार्वा नहीं पनपेंगे तो और क्या होगा।

निश्चित रूप से नगर पालिका की कार्यप्रणाली शहर की जनता को मलेरिया डेंगू जैसी बीमारी की चपेट में धकेलती नजर आ रही है। चिकित्सकों के अनुसार इस मौसम में डेंगू एवं मलेरिया का खतरा ज्यादा रहता है। शहर में फैली गंदगी को देखते हुए तो अब यही कहा जा सकता है कि नागरिकों को बारिश के ये चार महीने गंदगी में रहते हुए सतकर्ता के साथ व्यतीत करने होंगे।

विधायक भी हुये निष्क्रिय! : जब तक दिनेश राय सिवनी के निर्दलीय विधायक रहे तब तक वे नगर पालिका को लेकर कुछ सक्रिय दिखे पर अपनी दूसरी पारी में वे भी पूरी तरह निष्क्रीय ही नजर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि अब वे भाजपा के सदस्य और सिवनी के विधायक हैं। नगर पालिका में भी भाजपा का शासन है, इस लिहाज से उन्हें आवारा मवेशियों, सुअर, श्वानों आदि को शहर के बाहर खदेड़ने के साथ ही साथ नवीन जलावर्धन योजना को समय सीमा में पूरा नहीं करने पर पालिका की मश्कें कसना चाहिए। वहीं दूसरी ओर विपक्ष में बैठी कांग्रेस को मानो शहर से ज्यादा सरोकार है ही नहीं!