(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। प्रदेश सहित जिले में सरकार के नोटिफिकेशन की आड़ में बगैर अनुमति पेड़ों की अवैध कटाई का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आम, बबूल सहित अन्य प्रजातियों के सालों पुराने पेड़ों का तस्कर, कत्लेआम कर रहे हैं।
रविवार को बाम्हनदेही के पास सड़क किनारे स्थित लगभग दो साल पुराने आम के पेड़ को तस्करों ने बगैर अनुमति कटाई कर दी। इस मामले में सूचना के बाद राजस्व विभाग विभाग के अमले ने काटे गये आम के पेड़ की जब्ती बनाकर संबंधित के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
पेड़ की अवैध कटाई पर जुर्माने की कार्यवाही की जा रही है। इससे पहले बाड़ीवाड़ा गाँव में भी पेड़ों की बगैर अनुमति अवैध कटाई का मामला सामने आया था। तहसीलदार प्रभात मिश्रा ने बताया कि बाड़ीवाड़ा में काटे गये पेड़ों की कटाई का पंचनामा बनाकर प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है।
हाई कोर्ट लगा चुका है रोक : 24 सितंबर 2015 को मध्य प्रदेश सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर सतकठा की 59 प्रजातियों के परिवहन को अनुज्ञा से मुक्त कर दिया था। परिवहन में दी गयी छूट की आड़ में सक्रिय लकड़ी तस्करों ने सड़क किनारे लगे सालों पुराने पेड़ों की अवैध कटाई आरंभ कर दी है। नोटिफिकेशन की आड़ में चल रही पेड़ों की अवैध कटाई के संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवायी के बाद हाई कोर्ट की इंदौर खण्डपीठ ने 18 जुलाई को आदेश जारी कर रोक लगा दी है।
जिले में हो रही पेड़ों की कटाई : सिवनी से कटंगी, बरघाट व केवलारी मार्ग सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में आम, बबूल व अन्य प्रजाति के पेड़ों की कटाई का अवैध कारोबार जोरशोर से चल रहा है। पिछले कुछ महिनों में बरघाट, धारना, बहरई, अरी, गंगेरूआ, आमागढ़ इत्यादि क्षेत्रों के सैकड़ों पेड़ों की कटाई तस्करों ने कर दी है। राजस्व विभाग की अनदेखी के कारण पेड़ों की कटाई और लकड़ी के परिवहन का कारोबार जोरों पर है। हालांकि हाई कोर्ट की रोक के बाद वन विभाग भी क्षेत्र में बगैर अनुमति काटी गयी लकड़ी के परिवहन पर कार्यवाही कर सकता है।

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