पानी में तैर रहा खतरनाक बैक्टीरिया!

 

 

जल शोधन के नाम पर हो रही रस्म अदायगी

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। जिला मुख्यालय की लगभग सवा लाख की आबादी को साफ पानी पिलाने का दावा करने वाली नगर पालिका परिषद के दावों की हकीकत पिछले दिनों सोशल मीडिया पर जमकर खुलती दिखती रही है। शहर के विभिन्न वार्डों में हो रही पानी की आपूर्ति की विभिन्न तस्वीरें लोगों के द्वारा रोज़ ही व्हाट्सएप्प पर वायरल की जा रहीं हैं।

नगर पालिका परिषद के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि आगे – आगे पाठ पीछे सपाट की तर्ज पर नगर पालिका परिषद के द्वारा नवीन कामों में तो दिलचस्पी ली जा रही है पर पुराने कामों के संधारण में कथित उदासीनता बरती जा रही है।

सूत्रों ने बताया कि तीन साल तक गर्मियों में पानी की किल्लत झेलने वाले नागरिकों को तरसाने वाले नवीन जलावर्धन योजना के ठेकेदार पर नगर पालिका प्रशासन पूरी तरह मेहरबान नज़र आ रहा है। तीन साल विलंब के बाद अब तक इस योजना को पूरा न कर पाने के बाद भी ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही करने से पालिका कतराती ही दिख रही है।

सूत्रों ने बताया कि शहर की अधिकांश पाईप लाईन बुरी तरह क्षति ग्रस्त हो गयी हैं। इतना ही नहीं नवीन जलावर्धन योजना की डली पाईप लाईन भी विवादों के घेरे में आ चुकी हैं। नवीन जलावर्धन योजना के डीपीआर में किन पानी की टंकियों से इस योजना का संचालन किया जाना था और किनसे पुरानी योजना का संचालन होना था, इस बारे में पालिका पूरी तरह खामोश ही नज़र आती है।

सूत्रों का कहना है कि शहर के अनेक स्थानों पर लगे वॉल्व खोलते समय अगर वहाँ का दृश्य आम जनता देख ले तो शायद वह पानी पीना भी मुनासिब नहीं समझेगी। अधिकांश जिन स्थानों पर वाल्व लगे हैं वहाँ बारिश या नालियों का गंदा पानी भरा रहता है, जिसमें कीड़े बिलबिलाते दिख जाते हैं।

इसके साथ ही सूत्रों ने बताया कि नगर पालिका चुनाव के पूर्व अकबर वार्ड के नागरिकों के द्वारा वॉल्व के वीडियो भी सोशल मीडिया पर डाले गये थे। इसमें साफ दिख रहा था कि वॉल्व खोलते समय वॉल्व के आसपास तेजी से पानी भर जाता है। इस पानी में सूअर और कुत्ते लोटते नज़र आते थे। पानी का प्रेशर, बाद में जब कम होता तो यही पानी दुबारा उसी पाईप लाईन में समा जाता था। कमोबेश इसी तरह की स्थितियां वर्तमान में भी देखी जा सकती हैं।

शहर के नागरिकों ने बताया कि शहर का शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र हो जहाँ बबरिया या भीमगढ़ के पानी की सप्लाई हो रही हो और वहाँ साफ सुथरा पानी पीने के लिये मिल रहा है। पानी के लगातार रिसाव व नल के समय डबरों में भरा गंदा, दूषित पानी पाईप लाईन में प्रवेश करने और यही पानी लोगों को पीने के लिये पुनः नल से मिलने के कारण नागरिक बदबूदार, दूषित, मटमैला पानी पी रहे हैं और पेट संबंधी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं।

इसके साथ ही नागरिकों ने बताया कि दूषित पानी की समस्या को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष, सीएमओ, एसडीएम, कलेक्टर तक से कई बार मौखिक और लिखित शिकायत कर दी गयी है। बावजूद इसके इसमें सुधार कार्य नहीं हो रहा है। वहीं, दूषित पानी की वजह से पेट दर्द, डायरिया व पीलिया रोग से ग्रसित बीमारों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।

इसी तरह नगर पालिका की टीमों द्वारा भी शहर की क्षति ग्रस्त पाईप लाईन, टोंटी विहीन नल आदि के फाल्ट ढूंढ कर, फाल्ट दूर करने के प्रयास हवा हवाई हो गये हैं। निगम व स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों का कारण बने दूषित पानी के सैम्पल भरने की जहमत नहीं उठायी है। लोगों का कहना है कि सार्वजनिक नल से नागरिकों के समक्ष अगर पानी के सैंपल लिये जाकर इसकी जाँच करवायी जाये तो इसमें अनेक तरह के बैक्टीरिया भी तैरते नज़र आयें तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिये!