सिवनी शहर में सड़क ठेकेदारों के द्वारा संबंधित विभागों की अनदेखी के चलते मनमाना निर्माण करते हुए इन्हें अत्यंत ऊँचा कर दिया गया है। इसके कारण कई तरह की परेशानियां सामने आने लगी हैं।
इसके कारण उत्पन्न परिस्थितियों में विद्युत विभाग से भी मुझे शिकायत है जिसके द्वारा शहर में अत्यंत कम ऊँचाई पर आ चुके विद्युत के तारों को व्यवस्थित नहीं किया जा रहा है। शहर में पहले विद्युत के जो तार पर्याप्त ऊँचाई पर हुआ करते थे वे बिना कुछ किये ही बेहद नीचे आ गये हैं और इसका एकमात्र कारण सड़कों को ऊँचा कर दिया जाना ही है।
देखने वाली बात यह है कि सिवनी में विगत कुछ वर्षों में शहर की सड़कों का नवीनीकरण कुछ इस तरह से किया गया कि उनकी ऊँचाई तो बढ़ गयी लेकिन इन नयी सड़कों के कारण कई क्षेत्र निचले हिस्सों में शुमार हो गये। लोगों के मकान भी सड़क के स्तर के हिसाब से नीचे हो गये। कई लोगों के द्वारा एक के बाद अपने-अपने मकानों को, अपनी सुविधा के हिसाब से ऊँचा करवाया जा रहा है जिसके चलते उनके सामने से गुजरने वाले विद्युत के तार, स्वतः ही कम ऊँचाई पर हो गये हैं।
विद्युत विभाग को यह देखना चाहिये कि यदि सड़कों की ऊँचाई बढ़ी है और उसके साथ ही रिहायशी क्षेत्र भी ऊँचे हुए हैं तो ऐसे में विद्युत के तारों को नये खंबों के साथ ऊँचा किया जाना चाहिये ताकि कोई गंभीर दुर्घटना घटित न हो सके। विद्युत के तार कम ऊँचाई पर आ जाने के कारण, विद्युत चोरी की संभावनाएं भी काफी हद तक बढ़ जाती हैं।
ऐसा लगता है जैसे विद्युत विभाग किसी के द्वारा उसके संज्ञान में यह बात लाये जाने का इंतजार कर रहा है कि शहर में अव्यवस्थित तरीके से फैले हुए तारों को अतिशीघ्र व्यवस्थित किया जाये तब ही उसके द्वारा इस दिशा में किसी पहल को अंजाम दिया जायेगा। सवाल यह उठता है कि क्या यह विभाग स्व संज्ञान से यह काम नहीं कर सकता है अथवा किसी गंभीर दुर्घटना की बाट जोह रहा है सिवनी में विद्युत विभाग।
आश्चर्यजनक बात यह भी है कि क्या इस विभाग के अधिकारी शहर का भ्रमण बिल्कुल भी नहीं करते हैं और यदि करते हैं तो क्या उन्हें जगह-जगह कम ऊँचाई पर झूलते हुए तार नहीं दिखायी देते हैं? अत्यंत नीचे झूल रहे विद्युत के तारों के कारण कई गंभीर दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं लेकिन इन अधिकारियों की जिम्मेदारी शून्य ही नज़र आती है। विद्युत विभाग को चाहिये कि वह विद्युत चोरी की संभावनाओं को कम करने की खातिर ही सही, उसके द्वारा इन तारों की ऊँचाई को व्यवस्थित तरीके से बढ़ा दिया जाना चाहिये।
अविरल सप्रे

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