भद्रा के चलते इस बार प्रदोषकाल में नहीं हो सकेगा होलिका दहन

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। इस बार रंगों के त्यौहार होली पर भद्रा का साया पड़ गया है। इसके चलते होलिका दहन इस बार प्रदोष काल में नहीं हो सकेगा।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक होली दहन और रक्षा बंधन का पर्व भद्रा काल में मनाना निषेध माना गया है। इसके चलते होली दहन इस बार फाल्गुन पूर्णिमा को रात 09 बजे के बाद हो, महानिषीथ काल से पहले करना शास्त्र सम्मत होगा।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 20 मार्च के दिन सुबह पौने 11 बजे से पूर्णिमा तिथि लगेगी जो कि दूसरे दिन 21 मार्च को सुबह 07.12 बजे तक रहेगी। इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा तिथि प्रदोषकाल में सिर्फ 20 मार्च को ही मिल रही है एवं होलिका दहन भी प्रदोष काल में भद्रा रहित पूर्णिमा तिथि में किया जाना शास्त्र सम्मत है। इस वर्ष 20 मार्च को सुबह 10.44 से रात 08.59 बजे तक भद्रा रहेगी। ऐसी स्थिति में 20 मार्च को संपूर्ण प्रदोष काल भद्रा से दूषित होने की वजह से होलिका दहन नहीं हो सकेगा।

इस स्थिति में महानिषीथ काल से पूर्व व भद्रा समाप्ति के पश्चात होलिका दहन करना शास्त्र सम्मत रहेगा। होलिका दहन का शुभ समय 20 मार्च को रात 09 बजे से रात 12.31 बजे तक रहेगा। 21 मार्च की सुबह 7.13 बजे से एकम तिथि लगेगी जो कि दूसरे दिन 22 मार्च की सुबह 03.52 बजे तक रहेगी। इस वर्ष चैत्र कृष्ण पक्ष की एकम तिथि किसी भी सूर्याेदय को नहीं छू रही है। इस वजह से एकम तिथि का क्षय हो गया है। इस वर्ष 22 मार्च को एकम तिथि का क्षय होने से होलिका रंग महोत्सव पूर्णिमा तिथि अर्थात 21 मार्च को मनाया जायेगा।