(हेल्थ ब्यूरो)
सिवनी (साई)। बात अगर होली की हो और रंगों से बचने की बात की जाये यह तो उचित नहीं प्रतीत होता है। होली न केवल एक त्यौहार है, बल्कि इसके रंग शरीर के साथ मन को भी रंग देते हैं। रंगों से बचने के लिये लोग कई जतन करते हैं। कुछ कामयाब हो जाते हैं और कुछ बच नहीं पाते।
इसके बाद जद्दोजहद आरंभ होती है रंगों को निकालने की। ऐसे में कई बार रंग त्वचा को नुकसान भी पहुँचा देते हैं। यदि रंगों के साइड इफेक्ट से बचने के लिये पहले ही ध्यान रख लिया जाये तो स्किन और बालों को हेल्दी रखा जा सकता है। डॉक्टर्स की मानें तो हर साल होली के रंगों से त्वचा और बालों के खराब होने के बाद लगभग 20 प्रतिशत मरीज जाते हैं।
इसमें से कुछ मामले तो ऐसे होते हैं,जिनकी त्वचा रंग के कारण उतनी खराब नहीं हुई होती जितनी रंग छुड़ाने की जुगत में अपनाये गलत तरीकों से। होली पर आप घर से निकल रहे हों तो कम से कम सरसों के तेल की ही मालिश घर से निकलने के पहले शरीर पर अच्छी तरह से कर लें। इससे हानि कारक कैमिकल के रंग आपकी त्वचा को आपेक्षाकृत कम नुकसान पहुँचा पायेंगे।
कपड़े धोने का साबुन न करें इस्तेमाल : चिकित्सकों का मानना है कि सूखे और हर्बल कलर से ही होली खेलना सही होता है। कई रंग ऐसे होते हैं, जो त्वचा को फोटो सेंसेटिव बना देते हैं, इसलिये धूप में जाने से पहले सन स्क्रीन जरूर लगायें और होली खेलने के पहले मॉश्चराइजिंग क्रीम सामान्य अवस्था की बजाय तीन गुना लगायें।
रंगों को निकालने के लिये कई बार लोग कपड़े धोने के साबुन का इस्तेमाल कर लेते हैं। इससे त्वचा बहुत खराब हो जाती है। इसकी बजाय मॉश्चराइजर सोप से ही त्वचा हल्के – हल्के साफ करें। एक ही बार में रंग निकालने की कोशिश न करें। साबुन के इस्तेमाल के बाद फिर मॉश्चराइजिंग क्रीम लगायें।
यह तरीका भी है कारगर : वहीं ब्यूटीशियन्स के अनुसार नारियल के तेल से भी रंगों के हानि कारक प्रभाव से बचा जा सकता है। होली खेलने के बाद रंग निकालने के घरेलू नुस्खों में से जो सबसे कारगर तरीका है, वह उबटन का ही है। बेसन, शहद, मलाई, हल्दी और थोड़ा सा एलोवेरा का पल्प मिलाकर उसका पैक बना लें। इसे लगाकर थोड़ी देर रखें और निकालते वक्त घिसने के बजाय हल्का – हल्का रब करें। रंगों से डेमेज हुए बालों को ठीक करने के लिये माईल्ड शैंपू से सिर धोने के बाद नारियल के तेल में एलोवेरा मिलाकर लगायें और दूसरे दिन सिर धो लें।
पक्के रंगों से बचाना चाहिये बच्चों को : बच्चों को पक्के रंगों से बचाना चाहिये, क्योंकि उनकी त्वचा बहुत संवेदनशील होती है। होली खेलने से पहले पेट्रोलियम जैली या मॉश्चराजर क्रीम लगायें। जिन्हें मुहासों हैं, वे डॉक्टर की सलाह से ही मॉश्चराइजर क्रीम लगायें।
चिकित्सकों के अनुसार यदि आप धूप में होली खेल रहे हैं तो एसपीएफ 50 वाला सनस्क्रीन लोशन लगायें। रंगों से यदि कोई रिएक्शन हो गया है तो समस्या से निजात पाने के लिये ऐसे घरेलू नुस्खे नहीं अपनायें, जिसका प्रयोग पहले कभी नहीं किया हो।
आजमाया जा सकता है इन्हें भी : रंग बालों की जड़ों को नुकसान पहुँचाते हैं, इसलिये होली खेलने से पहले बालों में नारियल का तेल अच्छे से लगायें। किसी भी अन्य तेल की तुलना में केवल नारियल तेल सिर की त्वचा में प्रवेश करता है और इस प्रकार बालों को सुरक्षा प्रदान करता है।
सिंथेटिक की बजाय सूती कपड़े पहनें। सिंथेटिक और तंग कपड़े रंगों के संपर्क में आने पर चकत्ते और एलर्जी पैदा कर सकते हैं। नारियल तेल और एलोवेरा के साथ त्वचा को मॉइश्चराइज करें। यह आपकी त्वचा और रंगों के बीच बेरियर के रूप में काम आयेगा और रंग निकालने में आसानी भी होगी।
बाल पूरी तरह से कवर्ड करके होली खेलें और आँखों को बचाने के लिये सनग्लासेस लगायें। नाखूनों की उपेक्षा न करें, क्योंकि इनमें रंग जमा हो सकते हैं। अपने नाखूनों को छोटा रखें और उन पर डार्क नेल पॉलिश लगाकर उन्हें क्षति ग्रस्त होने से बचा सकते हैं। रंगों को छूने से पहले नाखूनों पर थोड़ा सा जैतून या नारियल का तेल लगा लें।
रंगों को चेहरे से हटाने के लिये पहले क्लींजर से चेहरा धो लें। इसके बाद नारियल तेल में डूबी हुई कॉटन बॉल से चेहरे पर तेल लगा लें। 05 मिनिट बाद उसे फोमिंग फेस वॉश से साफ कर लें।
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