लखनादौन अस्पताल में सुविधाएं हैं खस्ताहाल
(ब्यूरो कार्यालय)
लखनादौन (साई)। आदिवासी बाहुल्य लखनादौन विधान सभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के हाल बेहाल हैं, पर स्थानीय विधायक योगेंद्र सिंह को मानो इससे ज्यादा सरोकार नहीं है। क्षेत्र में सबसे ज्यादा बुरी स्थिति में आदेगाँव क्षेत्र है, जहाँ बीमारों को उपचार के लिये साठ किलोमीटर दूर लखनादौन या जिला मुख्यालय पर ही निर्भर होने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
लखनादौन के विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि तहसील मुख्यालय लखनादौन के अस्पताल के हालात इस तरह के दिख रहे हैं कि यह अस्पताल ही गहन चिकित्सा ईकाई (आईसीयू) में अपना उपचार कराता दिख रहा है।
सूत्रों का कहना है कि सालों से जमे चिकित्सकों और पेरामेडिकल स्टॉफ की मनमानी के कारण मरीज़ों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हाल ही में सर्पदंश से हुईं मौतों के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.के.सी. मेश्राम की उपस्थिति में जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी डॉ.एम.एस. धर्डे एवं डॉ.जे.पी.एस. परतेती के बीच हुई मारपीट का मामला भी प्रकाश में आ चुका है।
सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में सबसे ज्यादा खराब स्थिति आदेगाँव क्षेत्र की है। आदेगाँव के स्वास्थ्य केंद्र के अधीन रामनगरी, पिपरिया मेहरा, परासिया, मढ़ी, मचवाड़ा सहित नौ उप स्वास्थ्य केंद्र आते हैं। इन उप स्वास्थ्य केंद्रों में भी चिकित्सक और पेरामेडिकल स्टॉफ के न रहने से मरीज़ों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सूत्रों ने बताया कि इन स्थानों पर एएनएम (सहायक नर्स मिडवाईफरी) की तैनाती की गयी है। इसके अलावा यहाँ नर्स और कंपाउंडर भी नहीं हैं। इस मामले को स्थानीय विधायक योगेंद्र सिंह के द्वारा न तो विधान सभा में उठाया गया और न ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से चर्चा कर यहाँ इनकी पदस्थापना के प्रयास ही किये गये हैं।
सूत्रों ने कहा कि आदेगाँव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का आलम यह है कि इस अस्पताल में वार्ड ब्वाय, नर्स, फॉर्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, ड्रेसर, डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद तो स्वीकृत हैं पर ये पद सालों से रिक्त ही पड़े हुए हैं। इन पदों पर पदस्थापना के मामले में भी विधायक योगेंद्र सिंह के द्वारा प्रयास न किया जाना आश्चर्य जनक ही माना जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो आदेगाँव में महिला चिकित्सक के पद पर डॉ.स्नेहलता कौशले की पदस्थापना की गयी है। वे भी आधे से ज्यादा समय लखनादौन के सिविल अस्पताल में ही अपनी सेवाएं इसलिये देतीं हैं क्योंकि लखनादौन में महिला चिकित्सक के अवकाश पर जाते ही इन्हें वहाँ संलग्न कर दिया जाता है।
बताया जाता है कि कमोबेश यही आलम क्षेत्र के हर अस्पताल का है। स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में लखनादौन क्षेत्र बुरी तरह पिछड़ता दिख रहा है। स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों को भी इस बात की परवाह नहीं है कि वे भी लखनादौन क्षेत्र की ओर ध्यान दें।
क्षेत्रीय नागरिकों ने कहा कि प्रदेश में काँग्रेस की सरकार है, इस लिहाज़ से विधायक योगेंद्र सिंह चाहें तो उनकी विधान सभा, कम से कम स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में समृद्ध हो सकती है। नागरिकों ने जनता से सीधे जुड़े इस मामले में जिला प्रशासन के ध्यानाकर्षण की जनापेक्षा व्यक्त की है।

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