बिना चंदा हुए नवाचार से बढ़ी हरियाली!

 

 

धनराजू एस. को कई मायनों में याद करेंगे नागरिक

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। कौशल विकास विभाग के संचालक धनराजू एस. जब सिवनी में जिलाधिकारी के रूप में पदस्थ थे तब उनके द्वारा बिना आर्थिक सहयोग के ही एक नायाब नवाचार किया गया था। उनके द्वारा उस समय किया गया नवाचार अब आकार लेता दिख रहा है।

ज्ञातव्य है कि उन्नीसवीं सदी के आरंभ में निर्मित शहर को पानी पिलाने वाले बबरिया तालाब के आसपास तत्कालीन जिला कलेक्टर धनराजू एस. के द्वारा बिना किसी से आर्थिक सहयोग लिये ही जन सहयोग से पौधों को लगवाया गया था। आज ये पौधे बबरिया तालाब को हरियाली की चादर में लपेटे दिखते हैं। इस नयनाभिराम दृश्य को देखकर यहाँ टहलने के लिये आने वाले प्रफुल्लित हुए बिना नहीं रहते हैं।

शनिवार की सुबह जब धनराजू एस. बबरिया तालाब के आसपास टहल रहे थे, उस दौरान खबर लगते ही बड़ी तादाद में उनके प्रशंसक भी मौके पर जा पहुँचे। लोगों ने बताया कि धनराजू एस. ने जब लोगों को बताया कि फलां पौधा उन्होंने अपने हाथ से लगाया था और आज वह लहलहा रहा है।

लोगों ने बताया कि यह बताते समय धनराजू एस. के चेहरे पर अपार संतुुष्टि के भाव अलग ही दिख रहे थे। धनराजू एस. के द्वारा किये गये इस नवाचार के बाद लोगों के मन में बारिश के पहले पौधा लगाने का जज्बा पैदा होने लगा है। इस साल भी अनेक लोगों के द्वारा पौधे लगाये जाने की कवायद की जा रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार तत्कालीन जिलाधकारी धनराजू एस ने 2016 में बबरिया जलाशय की दुर्दशा को देख बिना सरकारी राशि खर्च किये, बिना जन भागीदारी की राशि व्यय किये, बिना किसी से चंदा लिये जन सहयोग से यहाँ विभिन्न फलदार प्रजाति के 7000 पौधे लगवाये थे। इसमें 6600 पौधे अब भी तालाब किनारे लहलहा रहे हैं। पौधे अब पेड़ की शक्ल में आ गये है, जिनकी ऊँचाई 10 से 15 फीट तक पहुँच चुकी है।

लोगों का कहना था कि जिलाधिकारी धनराजू एस. चाहते तो उस दौरान वे जन भागीदारी की मद से कुछ राशि देकर विभागों को लक्ष्य देकर चंदा करवाया जा सकता था, किन्तु धनराजू एस. चाहते थे कि जो भी हो उसमें जन भागीदारी की राशि की बजाय जनता की सीधी भागीदारी हो, जिससे हो रहे काम का अधीक्षण जनता स्वयं करने का प्रयास करे।