महिलाओं के लिये पृथक शॉपिंग मॉल!

 

 

(शरद खरे)

तीन साल पहले युवा काँग्रेस और महिला काँग्रेस के द्वारा जिला मुख्यालय में महिलाओं के लिये पृथक से शॉपिंग मॉल की आवाज़ बुलंद की गयी थी। इस शॉपिंग मॉल में महिलाओं को ही प्रवेश मिलता, दुकानदार भी महिलाएं होतीं, कर्मचारी भी महिलाएं। काँग्रेस के जिला स्तरीय अनुषांगिक संगठन की यह सोच उस समय वास्तव में बहुत ही ज्यादा सराही गयी थी।

इस सोच को इसलिये सराहा गया था क्योंकि इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक में काँग्रेस के द्वारा जिला स्तर पर महिलाओं को आर्थिक रूप से सामर्थ्यवान बनाने के लिये एक नवाचार करने की बात कही गयी थी। उस समय चूँकि माँग की ही जा सकती थी, पूरा करना न करना तो हुक्मरानों के हाथ में था।

अगर यह योजना आकार लेती और बड़ा सा शॉपिंग मॉल अस्तित्व में आता तो कम से कम एक हज़ार महिलाओं को जिला मुख्यालय में रोज़गार मिलता। इस मॉल में चूँकि सिर्फ महिलाओं के प्रवेश की ही बात कही गयी थी इसलिये महिलाएं यहाँ पूरी तरह सुरिक्षत भी महसूस करतीं।

काँग्रेस के द्वारा जिस समय यह माँग उठायी गयी थी उस समय प्रदेश और नगर पालिका दोनों ही स्थानों पर भारतीय जनता पार्टी का शासन था। इसके बाद महिलाओं से जुड़ी इस माँग को मानो बिसार ही दिया गया काँग्रेस के स्थानीय संगठन के द्वारा। जिला काँग्रेस अध्यक्ष की कमान जब युवा एवं उत्साही राज कुमार खुराना के कांधों पर आयी थी उस समय लग रहा था कि वे अपने सुलझे हुए दूरदृष्टि, लोकहित वाले दृष्टिकोण के जरिये कम से कम इस माँग को पूरा अवश्य करवायेंगे। वर्तमान में पालिका में भाजपा काबिज है पर प्रदेश में काँग्रेस की सरकार है।

पता नहीं क्यों सियासी दल (काँग्रेस हो या भाजपा) जब भी विपक्ष में रहते हैं तो माँगों के अंबार लगा देते हैं पर जैसे ही सत्ता उनके पास आती है वे अपनी ही माँगों को बिसार देते हैं। सियासी दलों के नुमाईंदों को यह नहीं भूलना चाहिये कि उनकी जन्मभूमि, कर्मभूमि पहले सिवनी रही है वे किसी दल के सदस्य बाद में बने हैं।

वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की नगर और जिला ईकाई सहित सभी ईकाईयां, जिला स्तर की समस्याओं पर मौन धारित किये हुए हैं। काँग्रेस और भाजपा के प्रवक्ताओं को सिवनी की समस्याओं से कोई सरोकार नज़र नहीं आता है। ऐसा प्रतीत होता है मानो वे जिला नहीं प्रदेश या देश की किसी ईकाई के प्रवक्ता हों।

जिला मुख्यालय में जिले के चारों विधान सभा के नागरिक व्यापार के लिये आते हैं। इस लिहाज़ से जिले के दोनों सांसद डॉ.ढाल सिंह बिसेन, फग्गन सिंह कुलस्ते एवं चारों विधायक दिनेश राय, योगेंद्र सिंह, राकेश पाल सिंह एवं अर्जुन सिंह काकोड़िया से जनापेक्षा है कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस महत्वपूर्ण विषय पर विचार कर कुछ इस तरह के प्रयास करें ताकि महिलाओं के लिये पृथक शॉपिंग मॉल आकार ले सके।