रामकुण्डी को नहीं मिला सरकारी वेबसाईट में स्थान!

 

 

0 प्रशासन लिखवा रहा जिले का नया इतिहास . . . 06

माना जाता है यहाँ भगवान श्रीराम ने खोदा था एक कुंआ!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। जिला प्रशासन के द्वारा नेशनल इंफरमेशन सेंटर (एनआईसी) के जरिये बनवायी और संधारित की जाने वाली सरकारी वेब साईट में विसंगतियों को उजागर करने के बाद भी जिला प्रशासन के द्वारा सरकारी वेब साईट में वांछित सुधार नहीं करवाये जा रहे हैं।

दरअसल, सिवनी के नागरिकों से दूरी बनाये रखने के कारण प्रशासन को सिवनी जिले के नागरिकों की वास्तविक जरूरतों, इतिहास, भौगोलिक परिस्थितियों आदि की पूरी जानकारी नहीं मिल पाती है। जिला प्रशासन पर कतिपय अधिकारियों, कर्मचारियों के द्वारा अघोषित तौर पर कब्जा किये जाने के कारण इस तरह की स्थितियां निर्मित हो रहीं हैं।

इतिहास के जानकारों का मानना है कि सिवनी जिले के धार्मिक, ऐतिहासिक, सामरिक महत्व की चीजों को सिवनी की आधिकारिक वेब साईट में स्थान दिया जाना चाहिये था। वहीं, जिले के इतिहास को लेकर अब तक लिखी गयी किताबों आदि का बारीकी से अध्ययन किया जाकर इस वेब साईट में स्थान दिया जाना चाहिये था।

यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि शिवराज सिंह चौहान के नेत्तृत्व वाली प्रदेश की भाजपा सरकार के द्वारा कुछ वर्ष पहले राम वन गमन पथ बनाने की योजना बनायी गयी थी। इसमें मर्यादा पुरूषोत्तम प्रदेश के जिन मार्गों से गुजरे थे उन स्थानों को विकसित करने की कवायद भी की गयी थी।

बहरहाल, इतिहास के जानकार बताते हैं कि ऐसी मान्यता है कि मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम जब वन गमन के लिये निकले थे तो उस दौरान वे सिवनी जिले से भी होकर गुजरे थे। इस दौरान उनके वन गमन के मार्ग में जिले के घंसौर और बरघाट के क्षेत्रों का उल्लेख भी मिलता है।

जानकारों की मानें तो इस तरह की मान्यता भी है कि घंसौर क्षेत्र के रामकुण्डी स्थल में जब माता सीता को प्यास लगी तो मर्यादा पुरूषोत्तम राम के द्वारा वहाँ अपने हाथों से कुंआ भी खोदा गया था। इस स्थान पर हर साल मेला भी लगता है। इसके बाद भी इस स्थल को सरकारी वेब साईट में अब तक स्थान नहीं मिल पाया है।

जानकारों के अनुसार मान्यता है कि घंसौर क्षेत्र में ग्राम पंचायत दुर्जनपुर और गोरखपुर के बीच रामकुण्डी नामक स्थान है। इस स्थान से होकर मर्यादा पुरूषोत्तम अपने 14 साल के वनवास के दौरान गुजरे थे। यहाँ तीन वृक्षों के बीच उनके द्वारा एक छोटा सा कुण्ड खोदा गया था। कहा जाता है कि यह कुण्ड कभी सूखता नहीं है।

जानकारों का कहना है कि यह राहत की बात मानी जा सकती है कि समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया और दैनिक हिन्द गजट के द्वारा सरकारी वेब साईट में व्याप्त विसंगतियों को उजागर करने के बाद कुछ स्थानों को इस वेब साईट में स्थान तो दिया गया है पर इन स्थानों का विस्तार से वर्णन नहीं मिल पा रहा है।

इधर, जिला प्रशासन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा वन नेशन वन पोर्टल की अवधारणा पर आनन फानन ही सिवनी जिले की वेब साईट को तैयार करवाकर इसका लोकार्पण कर दिया गया है। इस वेब साईट को ऑन एयर करने के पहले इसमें शामिल किये जाने वाले तथ्यों को बारीकी से जाँचा नहीं गया है, जिससे इस तरह की स्थितियां निर्मित हो रहीं हैं।

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