समिति ने मुख्यमंत्री को दिया प्रस्ताव
(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। सरकार राम वन गमन पथ निर्माण का वचन पूरा करने जा रही है। इसके लिए सरकार राम वन गमन पथ बोर्ड बनाने पर विचार कर रही है। ये बोर्ड ही राम पथ निर्माण का पूरा काम देखेगा। राम गमन पथ समिति ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को बोर्ड बनाने का प्रस्ताव सौंपा है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में विचार करने का भरोसा दिलाया है। ये बोर्ड नर्मदा न्यास की तर्ज पर काम करेगा।
जिस तरह सरकार ने नर्मदा समेत सभी प्रमुख नदियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ट्रस्ट बनाया है, उसी तरह राम गमन पथ बोर्ड बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। समिति ने अपने प्रस्ताव में बोर्ड में एक सचिव समेत पांच लोग नियुक्त करने को कहा है। ये बोर्ड अध्यात्म विभाग के अंतर्गत काम करेगा। समिति राम पथ के लिए जनसहयोग की अपील भी करेगी। समिति को लगता है कि यदि राम पथ के लिए अतिरिक्त फंड की आवश्यकता पड़ेगी तो लोग इसके लिए तैयार हो जाएंगे।
राम वन गमन पथ की डीपीआर तैयार हो गई है। इसके निर्माण में देश के साथ विदेशी आर्किटेक्ट की मदद भी ली जा रही है। चित्रकूट से अमरकंटक तक १० ऐसे स्थान हैं जहां भगवान राम ने वनवास के दौरान प्रवास किया था। इन स्थानों को विकसित किया जा रहा है। राम वन गमन पथ कॉरीडोर में चित्रकूट, पन्ना, कटनी, जबलपुर, मंडला, शहडोल, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों को शामिल किया जा रहा है। यहां पर उन स्थानों को विकसित किया जाएगा जहां भगवान राम ने रात गुजारी थी। २२ करोड़ खर्च कर ये कॉरीडोर बनाया जाएगा।
इस पूरे प्रोजेक्ट पर पांच सौ करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। इस कॉरिडोर में होटल, धर्मशाला, परिवहन की सुविधाएं विकसित की जाएंगी ताकि ये टूरिज्म का प्रमुख हब बन सके और विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित किया जा सके। लाइट एंड साउंड सिस्टम इस प्रकार तैयार किया जाएगा जिससे लोगों को त्रेतायुग में पहुंचने का अहसास होगा। राम वन गमन पथ के रास्ते में आने वाले इन सभी शहरों को भी विकसित किया जाएगा।

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