CRPF मददगार हेल्पलाइन पर 6 दिन में 7 हजार फोन कॉल्स

 

 

 

 

गालियां देकर भड़ास निकाल रहे कुछ पाकिस्तानी

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्‍ली (साई)। आर्टिकल 370 हटने के बाद से पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से लेकर वहां के आम नागरिक तक में इतनी बौखलाहट है कि वे अपनी खीझ निकालने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे।

पाकिस्तानियों ने कश्मीर में आम जनता की सहायता के लिए सीआरपीएफ की हेल्पलाइन को ही अपनी खीझ निकालने का जरिया बना लिया। कुछ पाकिस्तानी इस हेल्पलाइन पर कॉल कर अभद्र भाषा में बात कर रहे हैं। कई पाकिस्तानी तो गालियां भी दे रहे हैं।

फोन कर खुन्नस निकाल रहे पाकिस्तान

सीआरपीएफ सूत्रों के मुताबिक, सीआरपीएफ हेल्पलाइन पर 11 से 16 अगस्त के बीच 7,071 कॉल्स आईं जिनमें से 171 भारत के बाहर से थीं। लोग हेल्पलाइन पर फोन कर अपने परिवार और रिश्तेदारों की खैरियत मालूम कर रहे थे। लेकिन, कुछ पाकिस्तानियों ने कॉल कर सुरक्षा बलों को जमकर अपशब्द कहे और आर्टिकल 370 हटने के बाद कुछ नहीं कर पाने की अपनी सरकार की विवशता की खुन्नस निकाली।

हालचाल लेने के लिए भी फोन कर रहे कुछ पाकिस्तानी

जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उनके पास भी पाकिस्तानी नंबर से कुछ फोन कॉल्स आए हैं। उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ वाकई रिश्तेदारों की खैरियत मालूम करने के लिए फोन कॉल थे, लेकिन कुछ ऐसे भी पाकिस्तानी हैं जो दूसरी तरफ से सिर्फ अपना गुस्सा जाहिर करने और अपशब्द कहने के लिए फोन कर रहे हैं।

हेल्पलाइन नंबर पर हर तरह की कॉल

मददगार हेल्पलाइन पर 2,700 फोन कॉल्स सुरक्षा बलों के परिवार की ओर से, 2448 कॉल्स कश्मीर से बाहर रह रहे लोगों ने अपने परिवार का हालचाल जानने के लिए फोन किया। 1,752 कॉल्स गैर-कश्मीरियों ने कश्मीर के लोगों का हाल जानने के लिए कीं। प्रदेश से बाहर रहनेवालों ने हेल्पलाइन के जरिए अपने परिवार की खैरियत मालूम की।

विदेशों से भी काफी फोन कॉल्स

टोल फ्री नंबर 14411 पर सऊदी अरब से 45 कॉल आए। कुल 22 देशों से कश्मीर में अपनों का हाल जानने के लिए फोन आए। इनमें से 39 फोन कॉल्स यूएई से, 12 कुवैत से, 8-8 इजरायल और मलयेशिया से, 7 रूस से, 6-6 अमेरिका और तुर्की से, 5 ऑस्ट्रेलिया से, 4-4 यूके, सिंगापुर और बांग्लादेश से आईं। तीन-तीन फोन कॉल्स कनाडा, बहरीन, जर्मनी, फिलीपींस और थाइलैंड से आईं जबकि ओमान, फ्रांस और बेल्जियम से 2-2 कॉल आईं। वहीं, चीन और कतर से एक-एक फोन कॉल आई।

सुरक्षा बलों के परिवारों के लिए भी मददगार बना हेल्पलाइन

प्रदेश में तैनात सुरक्षा बलों के परिवारों के लिए भी मददगार हेल्पलाइन खैरियत जानने का साधन बन गया। 1,882 कॉल्स सीआरपीएफ के जवानों के लिए, 174 कॉल्स जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए, 215 कॉल्स सेना के जवानों के लिए, 112 कॉल्स आईटीबीपी के लिए, 99 कॉल्स सशस्त्र सीमा बल के लिए, 32 कॉल्स सीआईएसएफ के लिए, 20 कॉल्स आरपीएफ के लिए और 8 कॉल्स एयरफोर्स के लिए आईं। जब भी किसी स्थानीय परिवार के लिए फोन आता है तो सीआरपीएफ के जवान उनके घर जाकर परिवार की खैरियत मालूम कर फोन करनेवाले को जानकारी देते हैं।

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