भीमगढ़ बांध का पेट है आधा खाली!

 

 

पिछले साल भी 73 फीसदी ही भर पाया था बांध में पानी

(फैयाज खान)

छपारा (साई)। ऐशिया के सबसे बड़े मिट्टी के बांध का पेट अभी आधा खाली है। अभी यह महज 53 फीसदी ही भर पाया है। भादों के माह में अगर बारिश नही हुई तो आने वाले समय में सिवनी जिले में पानी की किल्लत हो सकती है। पिछले साल की तरह इस साल भी भीमगढ़ बांध के द्वार शायद ही खुल सकें।

सिंचाई विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस साल हुई बारिश में भीमगढ़ बांध का पेट अभी आधा खाली है। भीमगढ़ बांध की क्षमता 519.38 मीटर है, पर अब तक महज 515 मीटर पानी ही इसमें भरा जा चुका है। जल के प्रतिशत में अगर देखा जाए तो अभी तक महज 53 फीसदी पानी ही इसमें भर पाया है।

सूत्रों ने बताया कि प्रशासन के द्वारा भले ही अब तक पिछले साल से ज्यादा बारिश होने का दावा किया जा रहा हो पर पिछले साल इस समय तक 516 मीटर पानी भर चुका था। इस लिहाज से इस साल कम पानी ही गिरा है, वरना भीमगढ़ में 516 मीटर से ज्यादा पानी भर चुका होता।

ज्ञातव्य है कि जिले में मानसून ने 23 जून को आमद दी थी। इसके बाद मौसम ने अचानक ही करवट ली और सावन में पानी के लिए लोग तरस गए। इस साल पानी इस तरह भी नहीं गिरा कि लग सके कि बरसात हुई हो। लोगों ने बारिश के मौसम में बारिश से ज्यादा उसम में समय बिताया है।

अगर बांध में पानी का स्तर कम रहता है तो आने वाले समय में भीमगढ़ बांध से सिवनी जिले के केवलारी, पलारी सहित बालाघाट जिले को सिंचाई एवं जिला मुख्यालय को पीने के पानी के लिए भी संघर्ष करना पड़ सकता है। उल्लेखनीय होगा कि भादों के महीने में अब महज एक पखवाड़े का समय ही शेष रह गया है।

इन परिस्थितियों में भीमगढ़ बांध में पांच मीटर पानी भरा जाना असंभव ही लग रहा है। यद्यपि माचागोरा बांध में पर्याप्त पानी आ चुका है, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि माचागौरा बांध की नहरों के जरिए बैनगंगा में मिलने वाले पानी से भीमगढ़ में पानी भेजा जा सकता है।