(शरद खरे)
भादों में हो रही बारिश से शहर की सूरत बिगड़ी नजर आ रही है। जहाँ-तहाँ नाले नालियों से पानी और कचरा बहकर सड़कों पर आ रहा है। सड़कें पानी से लबालब हैं तो दूसरी ओर निचली बस्तियों में पानी भर रहा है। नगर पालिका प्रशासन हर साल बारिश के मौसम में इस समस्या से दो चार होती है पर इसका कोई ठोस हल आज तक नहीं निकाल पायी है।
दूबरे पर दो अषाढ़ की कहावत चरितार्थ कर रही है नवीन जलावर्धन योजना। इस योजना का काम तीन साल विलंब से चल रहा है। जगह-जगह नियमों को बलाए ताक पर रखकर पाईप लाईन को डाला गया है। पाईप लाईन डालने के बाद इसका भराव उचित तरीके से नहीं किया जा रहा है।
बारिश में अनेक जगहों पर मिट्टी धंस रही है। स्थान-स्थान पर गड्ढे हो गये हैं। वाहन इनमें फंस रहे हैं। बिना मुरम की बेडिंग के डाली गई पाईप लाईन अंदर ही अंदर क्षतिग्रस्त भी हो रही हो तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। तत्कालीन जिलाधिकारी गोपाल चंद्र डाड के द्वारा तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी नवनीत पाण्डेय के द्वारा किए गए निरीक्षण के उपरांत विशेषज्ञ समिति के जरिए के जरिए नवीन जलावर्धन योजना की जांच कराई जाने के उपरांत लगभग सवा करोड़ रूपए का जुर्माना अधिरोपित किया गया था।
इसके उपरांत राज्य स्तरीय समिति के द्वारा इस योजना की जांच की जाकर जिला कलेक्टर द्वारा बनाई गई विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को दर किनार कर दिया गया। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि जिला समिति को मौके पर ठेकेदार की कोई प्रयोगशाला नहीं मिली थी, फिर राज्य स्तरीय समिति के द्वारा इस महत्वपूर्ण बिंदू को कैसे बिसारा गया यह शोध का ही विषय है।
मजे की बात तो यह है कि जब प्रदेश में भाजपा सत्तारूढ़ थी तब कांग्रेस के नेताओं के द्वारा माडल रोड और नवील जलावर्धन योजना को लेकर चीख पुकार मचाई जाती रही किन्तु दिसंबर में जबसे प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आई है उसके बाद से नगर पालिका के मामलों में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राज कुमार खुराना और नगर अध्यक्ष इमरान पटेल ने मौन ही साधा रखा गया है।
इन परिस्थितियों में लोगों को यह लगना स्वाभाविक ही है कि दिसंबर के पहले तक भाजपा शासित नगर पालिका परिषद सही काम नहीं कर रही थी और अचानक ही दिसंबर के उपरांत भारतीय जनता पार्टी शासित नगर पालिका के द्वारा सारे काम नियमों के अनुसार करना आरंभ कर दिया गया है!
कुल मिलाकर शहर के निवासी पालिका की झींगा मस्ती से परेशान नजर आ रहे हैं पर नगर पालिका के मामलों में कांग्रेस ने मौन साधे रखा गया है। मामला चाहे नवीन जलावर्धन योजना का हो, माडल रोड का, अतिक्रमण, साफ सफाई या अन्य मामले हों, हर मामले में नागरिक बुरी तरह हैरान परेशान ही नजर आ रहे हैं।

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