जम्मू-कश्मीर से इस साल किया 139 आतंकियों का सफाया

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

श्रीनगर (साई)। भारतीय सेना ने इस साल जनवरी से अगस्त के बीच जम्मू-कश्मीर में 139 आतंकियों का सफाया किया है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इनमें एलओसी पर और सेना ने के साथ आंतरिक इलाकों में हुए एनकाउंटर में मारे गए आतंकी भी शामिल हैं। ये आंकड़े 1 जनवरी 2019 से 29 अगस्त 2019 तक के बताए जा रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, इसी समय अतंराल में भारतीय सेना ने 26 जवान गंवाए हैं। इनमें सैनिकों से लेकर सीनियर अफसर भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा आठ सिपाही इस साल फरवरी महीने में शहीद हुए थे। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अगस्त महीने में पांच आतंकियों को मार गिराया गया जबकि एक को जिंदा पकड़ा गया है। मई के महीने में सेना और आतंकियों के बीच कई मुठभेड़ हुई।

मई महीने में मारे गए 27 आतंकी

केवल मई के महीने में ही सेना ने 27 आतंकियों को मार गिराया, जोकि बाकी किसी भी एक महीने में सबसे ज्यादा है। मई के महीने में ही सबसे ज्यादा 22 मुठभेड़ हुई। इस साल आतंकियों ने कुल 87 हमले करने की कोशिश की। जुलाई के आखिरी हफ्ते में पाकिस्तान की बॉर्डर ऐक्शन टीम (बैट) के स्पेशल सर्विसेज ग्रुप कमांडोज के ऑपरेशन को भी भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक नाकामयाब कर दिया था। एलओसी पार करने की कोशिश में लगे चार बैट कमांडोज को भी भारतीय सेना ने मार गिराया है।

अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने इस साल भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की ज्यादा कोशिश की है, विशेष रूप से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पाकिस्तान द्वारा घुसपैठ के नए प्रयास किए गए हैं। यह इस साल पाकिस्तान द्वारा किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन की संख्या से स्पष्ट है। 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम उल्लंघन के 222 मामले सामने आए हैं। संघर्ष विराम उल्लंघन के सबसे ज्यादा 296 मामले जुलाई में दर्ज किए गए।

इस साल पाकिस्तान ने 1889 बार किया सीजफायर का उल्लंघन

इसी महीने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी। इस साल के प्रथम आठ महीनों में पाकिस्तान द्वारा कुल 1,889 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया। जबकि 2018 में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर 1,629 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया था।