घर से कब बेदखल होगा प्लास्टिक

 

 

(संजय कुंदन)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को प्लास्टिक के खिलाफ अभियान छेड़ने का जो आह्वान किया, उसकी शुरुआत सरकार के स्तर पर तो शुरू हो गई है। रेलवे ने एक बार इस्तेमाल होने वाले (सिंगल यूज प्लास्टिक) प्लास्टिक के प्रयोग पर रोक लगाने का फैसला किया है। मंत्रालय ने सभी वेंडर और स्टाफ को दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक का प्रयोग करने के लिए कहा है। लोकसभा सचिवालय ने संसद भवन परिसर में बोतलों और एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के प्रयोग पर रोक लगाई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों में एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें देश के करीब दो हजार स्कूल शामिल है। मंत्रालय ने इन स्कूलों के अलावा देश के अन्य शैक्षणिक संस्थानों से इसके इस्तेमाल पर रोकथाम के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। सवाल है कि हम कब जागरूक होंगे? जब तक हमारे घरों में प्लास्टिक का बहिष्कार नहीं शुरू हो जाता तब तक इससे पूर्ण मुक्ति नहीं हो सकती। कहने को तो भारत में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर लगाम कसने के लिए कानून बना हुआ है, जिसके तहत कोई उत्पादक या दुकानदार 50 माइक्रॉन से कम मोटी प्लास्टिक नहीं इस्तेमाल कर सकता।

कई राज्य सरकारों ने दुकानों में प्लास्टिक की थैली देने पर रोक लगा दी है लेकिन सचाई यह है कि आज तक इसका इस्तेमाल बदस्तूर जारी है। प्लास्टिक जमीन, पानी और हवा तीनों को प्रभावित कर रहा है। सदियों तक नष्ट न होने वाला प्लास्टिक भूजल को प्रदूषित कर रहा है। प्लास्टिक के बहुत सूक्ष्म टुकड़े उसमें मिलकर उसे दूषित कर देते हैं। बोतलबंद पानी बेचने वाली कंपनियां इसी भूजल का इस्तेमाल करती हैं लेकिन उनकी प्रॉसेसिंग में वे सूक्ष्म कण खत्म नहीं हो पाते। सालाना लाख से अधिक जलीय जीव प्लास्टिक प्रदूषण से मर रहे हैं। पिछले साल थाईलैंड में एक व्हेल 80 से अधिक प्लास्टिक बैग निगलने के कारण मर गई। प्लास्टिक छोटे – छोटे टुकड़ों में टूटता है पर सड़ता नहीं। दुनिया भर में केवल 1 से 3 फीसदी प्लास्टिक ही रीसाइकल हो पाता है। यह जलकर भी नष्ट नहीं होता और इसे जलाना खतरनाक है। प्लास्टिक का कचरा जलाने से ऐसी गैसें निकलती हैं, जो फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकती हैं। देखना है, प्लास्टिक के विरुद्ध शुरू किए सरकारी अभियान का लोगों पर कितना असर पड़ता है।

(साई फीचर्स)