11 अंकों का हो सकता है मोबाईल नंबर!

 

 

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्ली (साई)। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) देश में मोबाइल नंबरिंग स्कीम बदलने पर विचार कर रहा है।

ट्राई के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि ट्राई जिस मसले पर विचार कर रहा है उसमें एक और फैसला मोबाइल नंबर में डिजिट्स बढ़ाने को से जुड़ा हो सकता है और इस तरह मोबाइल नंबर 10 की जगह 11 डिजिट्स के कर दिए जाएंगे। इसके पीछे एक बड़ी वजह टेलिफोन कनेक्शंस की तेजी से बढ़ रही डिमांड को भी माना जा रहा है। इस बारे में आपको ये बातें पता होनी चाहिए,

यह है वजह : करोड़ों मोबाइल यूजर्स देश में टेलिफोन नंबर्स की बढ़ती जरूरत के लिए जिम्मेदार हैं और ऑपरेटर्स को अब नए मोबाइल नंबर चाहिए।

विकल्प को परखना : ट्राई दरअसल ऐसे कई विकल्प परखना भी चाहता है और इसमें मोबाइल नंबरिंग सिस्टम को बदलना भी शामिल है।

मौजूदा नंबरिंग सिस्टम : अभी 9, 8 और 7 से शुरू होने वाले मोबाइल नंबर्स के साथ करीब 210 करोड़ नए टेलिकॉम कनेक्शन दिए जा सकते हैं।

2050 तक इतनी जरूरत : देश में सन् 2050 तक मौजूदा नंबरों के अलावा करीब 260 करोड़ नए नंबरों की जरूरत पड़ने वाली है।

कब बदले प्लान? : भारत ने अपने नंबरिंग सिस्टम और प्लान्स को इससे पहले 1993 और 2003 में पहले दो बार बदला है।

आया ये बदलाव : 2003 में लाए गए नंबरिंग प्लान से 75 करोड़ नए फोन कनेक्शंस के लिए जगह तैयार हुई, जिनमें से 45 करोड़ सेल्युलर और 30 करोड़ बेसिक या लैंडलाइन फोन नंबर थे।

बदले जा सकते हैं लैंडलाइन नंबर भी : केवल मोबाइल ही नहीं, फिक्स्ड लाइन नंबर भी 10 डिजिट नंबरिंग के 11 पर बदले जा सकते हैं।

नए डेटा ओनली नंबर : साथ ही डेटा ओनली मोबाइल नंबर्स (डोंगल कनेक्शन के लिए) को 10 से 13 डिजिट्स का बनाया जा सकता है और ऐसे नंबर्स की सीरीज 3, 5 और 6 से शुरू की जा सकती है।