(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। प्रदेश में 10 नये वन्य प्राणी अभ्यारण्यों की स्थापना के पहले ही जन प्रतिनिधियों के द्वारा इसका विरोध करना आरंभ कर दिया गया है। मुख्यमंत्री कमल नाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा के बाद मण्डला में भी इसका विरोध किया जा रहा है। वहीं, सिवनी जिले में इसको लेकर विधायक मौन साधे हुए हैं।
वन विभाग के भरोसेमंद सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मुख्यमंत्री कमल नाथ के गृह जिले में इस अभ्यारण्य को लेकर विरोध हुआ है। छिंदवाड़ा में दक्षिण छिंदवाड़ा वन मण्डल की बिछुआ सिल्लेवानी बीट में यह प्रस्तावित था। क्षेत्र के लगभग सवा सौ ग्रामों के निवासियों के विरोध के बाद इस पर रोक लगा दी गयी है।
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री सचिवालय के द्वारा इस मामले में वन विभाग को पत्र भी लिख दिया गया है। इसके उपरांत निवास विधायक डॉ.अशोक मर्सकोले ने भी मण्डला में प्रस्तावित अभ्यारण्य पर अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए वन विभाग से मण्डला जिले में अभ्यारण्य नहीं बनाये जाने की बात कही है।
सूत्रों ने बताया कि वन्य जीवों विशेषकर बाघ की सुरक्षा और प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश में दस नये अभ्यारण्य बनाये जाने पर काम कर रही थी। इनके लिये संभावित स्थानों का चयन कर प्रस्ताव भेजने की कवायद की जा रही थी।
सूत्रों ने बताया कि सिवनी जिले में खवासा के बफर क्षेत्र में कुछ साल पहले एक अभ्यारण्य बनाये जाने की कवायद की गयी थी। इसमें पचास हेक्टेयर से ज्यादा रकबे को बाड़ से सुरक्षित कर इसमें एक नर और एक मादा बाघ को रखे जाने का प्रस्ताव था। इस अभ्यारण्य में चीतलों को छोड़ने की योजना भी थी। यह योजना स्थानीय विरोध के चलते परवान नही चढ़ पायी थी।
कठोर नियमों के कारण हो रहा विरोध : सूत्रों ने बताया कि अभ्यारण्यों का गठन वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत किया जाता है। इसमें अभ्यारण्य की भूमि पर पक्के निर्माण करने, पत्थर, मिट्टी, मुरम, लकड़ी निकालने पर रोक लग जाती है। इतना ही नहीं, अभ्यारण्य की सीमा के अंदर यदि निजि जमीन है तो किसान उसे बेच भी नहीं सकते हैं। इसी तरह के तमाम प्रतिबंधों को लेकर जनता आशंकित हैं और अभ्यारण्यों के गठन का विरोध कर रही है।
सूत्रों की मानें तो सिवनी जिले में भी पेंच नेशनल पार्क के बफर जोन में (खवासा से टुरिया मार्ग पर नागपुर की ओर) एक अभ्यारण्य प्रस्तावित था। यह क्षेत्र बरघाट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, और बरघाट के विधायक इस समय अर्जुन सिंह काकोड़िया हैं।
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