जानिए कैसी है पल पल दिल के पास

 

 

 

 

फिल्म- पल पल दिल के पास

कलाकार – करण देओल-सहर बांबा

निर्देशक-  सनी देओल

प्रोड्यूसर धर्मेंन्द्र

मूवी टाइप- रोमांस एंड ड्रामा-एडवेंचर

प्रस्तावना

पल पल दिल के पास से सुपरस्टार सनी देओल के बेटे करण देओल हिंदी सिनेमा में कदम रखने जा रहे हैं। एक रोमांटिक कहानी, जिसमें प्यार भी है और दर्द भी। देओल वाला एक्शन भी है। सनी देओल इस फिल्म के निर्देशक और निर्माता भी हैं। खुद अपने बेटे को लांच कर रहे हैं। फिल्म पल पल दिल के पास एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है। जिसमें एडवेंचर है रोमांस है और थ्रिलर का भी तड़का है। फिल्म में करण देओल करण सहगल का किरदार निभा रहे हैं वहीं सहर बाम्बा फिल्म में सहर शेट्टी का रोल प्ले कर रही हैं। अब चलिए देखें फिल्म कहानी और बाकी पहलूओं को…

कहानी

सनी देओल की पहली फिल्म बेताबकी तरह, उनका नवीनतम निर्देशन पल पल दिल के पासभी उत्तर भारत के सुरम्य पहाड़ों में खुलता है। इस फिल्म की फिल्म भी कहानी वहीं से शुरू होती है जैसा आपने फिल्म रिलीज होने से पहले इसके ट्रेलर में देखा था। कहानी की शुरूआत होती करण सहगल से जो मनाली में कैंप उजी नामक एक विशेष ट्रैकिंग कंपनी चलाता है, जो पर्यटकों और मशहूर हस्तियों के बीच बहुत लोकप्रिय है। इसी बीच विडियो ब्लॉगर सहर सेठी (सहर बांबा) एक एडवेंचर ट्रीप की प्लान कर होती हैं। खुले दिल और नए अरमानों को लिए वह पर्वतारोही करण सेहगल (करण देओल) के साथ ट्रेकिंग पर निकलती है। दोनों काफी पल साथ में बिताते हैं और उन्हें एक दूसरे से प्यार हो जाता है। इसके बाद फिल्म पारिवारिक ड्रामा के साथ आगे बढ़ती है। इसके बाद एंडवेंचर टूर खत्म होने के बाद दोनों अलग भी हो जाते हैं, लेकिन काफी सालों का जब दोनों एक दूसरे से मिलते हैं तो अपने प्यार का इजहार करते हैं। इसके बाद शुरू होता एक्शन, थ्रिलर और लव ड्रामा। फिल्म की असली कहानी भी इस एडवेंचर ट्रीप के बाद ही शुरू होती है। फिल्म में क्या सहर सेठी-करण सेहगल के दूजे हो पाते हैं और इनके प्यार के बीच में कौन विलेन एंट्री लेता है यह जानने के लिए आपको सिनेमा घर तो जाना ही पड़ेगा

डायरेक्शन-तकनीकि पक्ष

पल पल दिल के पासफिल्म का निर्देशन खुद सनी देओल ने किया है, जबकि फिल्म को प्रोड्यूस धर्मेन्द्र ने किया है। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि फिल्म में कितना इमोशन डाला गया होगा। वहीं यह फिल्म अन्य प्रेम कहानियों से थोड़ी अलग है। यह फिलम दो-एक ताज़ा बदलाव के साथ दर्शकों सामने पेश किया गया है। फिल्म में करण जैसे एक युवा और फ्रेश प्रेमी के रूम में पेश किया वह काफी तारीफ के लायक है। यूं कहें कि यह एक निर्दोष प्रेम कहानी है।  फिल्म की सिनोमटॉग्रफी कमाल की है। हालांकि, एक निर्दोष प्रेम कहानी बनने की ख्वाहिश वाली फिल्म के लिए, किसी भी यादगार पलों को बनाने के लिए मुख्य जोड़ी के बीच की केमिस्ट्री बिल्कुल नहीं टूट रही है। फिल्म का संगीत मधुर है, हालांकि, यह कथा की गति को धीमा करता है। फिल्म चरमोत्कर्ष की ओर एक सभी टकराव नाटक में बदल जाती है, लेकिन संघर्षों में से कोई भी जैविक महसूस नहीं करता है।

एक्टिंग-डायलॉग्स- और म्यूजिक

करण देओल और सहर सेठी की यह डेब्यू फिल्म है। ऐसे में जारी है कि यह दोनों एक प्रेश कपल के रूप में बड़े ही क्यूट और अच्छे लग रहे हैं। फिल्म के करण की मासूमिय और उनका गुस्सा देखकर आपको सनी देओल की याद आ ही जाएगी। करण पर्दे पर नैचरल ही लगते हैं, उनकी एक्टिंग से आप एक बार प्रभावित हो सकते हैं वहीं सबर फिल्म में करण के आगे कुछ दबी-दबी सी लग रही हैं। सबर की एक्टिंग एक औसतन ही ठीक है। फिल्म के गाने आपको सबसे ज्यादा अच्छे लगेंगे।

(साई फीचर्स)