गाँवों में बसती है भारत की आत्मा : सांसद डॉ.बिसेन

 

गांधी संकल्प यात्रा ने कुरई ब्लॉक के विभिन्न ग्रामों का किया भ्रमण

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। महात्मा गांधी के विचार, संदेश और जीवन दर्शन आज भी प्रसांगिक हैं। जन-जन के बीच आज भी उनके विचारों की स्वीकार्यता है और नयी पीढ़ी के लिये गांधीजी के विचार मार्गदर्शी है। महात्मा गांधी ने पीड़ित मानवता की सेवा का जो संदेश दिया था, आज़ादी के बाद उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मूर्त रूप दिया है।

उक्ताशय की बात सांसद डॉ.ढाल सिंह बिसेन ने गांधी संकल्प यात्रा के दौरान बरघाट विधान सभा क्षेत्र के ग्राम छीतापार, गोंडेगाँव, बेलगाँव, फिटकरी टोला, सुकतरा, मोहगाँव, कुरई, बिछुआ, हरदुली, कोदाझिरी, पिपरिया और रमली में व्यक्त करते हुए कहा कि महात्मा गांधी मानते थे कि भारत की आत्मा गाँवों में बसती है।

उन्होंने कहा कि बापू मानते थे कि ग्रामीण अंचलों का जब तक विकास नहीं होगा, ग्रामीण जब तक देश की मुख्य धारा से नहीं जुड़ेगा, तब तक देश तरक्की नहीं कर पायेगा। महात्मा गांधी के इसी दर्शन को स्वीकार्य करते हुए केन्द्र की मोदी सरकार ने अपने बजट में गाँवों के विकास, ग्रामीणों के उत्थान को प्राथमिकता में रखा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब भाजपा की सरकार थी, तो सारी योजनाओं का फोकस ग्रामीणों को ध्यान में रखकर ही किया था। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का मूल मंत्र था सर्व धर्म हिताय, सर्व धर्म सुखाय। भाजपा का भी यही ध्येय है और आज पार्टी इसी ध्येय के बलबूते पर केन्द्र और कई राज्यों में अपनी सरकार चला रही है।

सांसद के निज सचिव सतीश ठाकरे ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि इस अवसर पर डॉक्टर बिसेन ने कहा कि स्वच्छता को लेकर लोगों को अपनी जिम्मेदारियां समझनी होगी। हम घर का कचरा बीच सड़क पर फेंककर पंच व सरपंच को उसकी सफाई का ठेकेदार न समझें। सुखी जीवन का पहला लक्षण है निरोगी काया, यदि स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया तो यह बीमारियों को आमंत्रण देना साबित होगा।

उन्होंनेे कहा कि खेतों में हमने अधिक उपज के लिये रासायनिक खादों के अंधाधुंध उपयोग करके अन्न को जहरीला बना लिया है जिसके दुष्प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ रहा है। हमें गोबर खाद जैसी प्राकृतिक खादों का उपयोग करना चाहिये। पानी के अंधाधुंध दोहन ने हमारे समक्ष जल संकट खड़ा कर दिया है, इसके संरक्षण पर ध्यान देना जरूरी है। शुद्ध वायु के लिये न सिर्फ पेड़ों की कटाई रोकी जाना चाहिये बल्कि अधिक से अधिक पौधारोपण और उसका संरक्षण कर पर्यावरण को बचाना हमारी जिम्मेदारी है।

डॉ.बिसेन ने कहा कि आज सिंगल न्यूज़ प्लास्टिक एक भीषण समस्या के रूप में हमारे समक्ष विराजमान हैं जो भविष्य में और भी विकराल होगी। उन्होंने कहा कि हमें प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचने की जरूरत है, इसके लिये न केवल हमंे जागरूक होना है, वरन समाज को भी जागरूक करना है।