महात्मा गांधी के सूत्रों पर विद्यार्थियों ने उकेरे चित्र

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। युग युगों तक ऐसा संत राष्ट्रपिता न था न होगा जिसने न केवल राजनीति को नयी दिशा दी बल्कि 150 वर्ष पूर्व जो सिद्धांत दिये आज भी उनकी प्रासंगिकता देखने को मिलती है। इसी बात को राज्य शासन ने ध्यान में रखते हुए महात्मा गांधी के प्रासंगिक सूत्रों पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया था।

इस प्रतियोगिता में वरिष्ठ एवं कनिष्ठ श्रेणी के आधार पर चयन किया गया। उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ श्रेणी में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस शाला के मुकेश पिता छिदामी झारिया प्रथम स्थान पर, मिशन हायर सेकेण्डरी स्कूल के जय पिता सतेन्द्र सोलाके द्वितीय स्थान पर, शासकीय पांडिया छपारा के आर्यन भारद्वाज तृतीय स्थान पर रहे।

इसी तरह कनिष्ठ श्रेणी में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस शाला सिवनी के शिवम पिता सुशील ठाकुर प्रथम स्थान, पूर्वी पिता देवेन्द्र विश्वकर्मा द्वितीय स्थान, राधिका पिता राम बनवाने तृतीय स्थान पर रहीं। निर्णायक के रूप में राज्य शिक्षा मिशन के प्रमुख जगदीश एड़पाचे, उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य आर.पी. बोरकर, मिशन हायर सेकेण्डरी शाला के प्राचार्य अजय ढबले, शासकीय मठ कन्या शाला के प्राचार्य एम.के. सैय्याम, शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल तिघरा के प्राचार्य आराधना राजपूत, महारानी लक्ष्मी बाई कन्या शाला की जयश्री तिवारी ने सभी जिले से आयी र्हुइं पेंटिग्स का अवलोकन किया।

इसी तारतम्य में श्री सैयाम ने बताया कि विषय कठिन था लेकिन विद्यार्थियों ने अपनी कला का परिचय दिया। आर.पी. बोरकर ने कहा कि गांधीजी के सूत्र को समझना सामान्यजन के वश की बात नहीं है। फिर भी छात्र – छात्राओं ने अपने अनुसार प्रस्तुति दी। अजय ढबले ने कहा कि पेंटिंग्स के चित्र अपने आप में सूत्रों को कहते हुए नज़र आ रहे हैं।