इकबाल मिर्ची की ब्रिटेन स्थित 25 संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी में है ईडी

 

 

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

मुंबई (साई)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गैंगस्टर इकबाल मिर्ची द्वारा भारत में अपराधों के जरिए कमाई गई ब्रिटेन की 25 संपत्तियों को अटैच करने की तैयारी कर रहा है। इनकी कुल कीमत सैकड़ों करोड़ रुपये है।

एजेंसी को इस बात का भी शक है कि कथित तौर पर कुछ संपत्तियां जो मिर्ची के परिवारवालों के नाम हैं, उन्हें अलग-अलग देशों (ब्रिटेन, अमेरिका, यूएई) में पंजीकृत सात कंपनियों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। मिर्ची की पत्नी हजरा मेमन कथित तौर पर लंदन स्थित 16 संपत्तियों की मालकिन हैं। एक सूत्र ने कहा, ‘वह इन्हें दो कंपनियों (कंट्री प्रॉपर्टीज लिमिटेड और जर्सी ऐंड असकॉम्बे लिमिटेड) के द्वारा नियंत्रित करती हैं। ये कंपनियां ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में स्थित हैं।

ईडी कंपनियों की फाइनैंशल और मालिकाना हक की जानकारी खंगालने में जुटी है। दरअसल, ईडी ये जानकारियां इसलिए हासिल करना चाहती है ताकि पता लगाया जा सके कि क्या मिर्ची के अपराधों में भी कर्ज का इस्तेमाल किया गया था। यही नहीं, यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इसके लाभार्थी कौन थे? ईडी को इस बात का भी यकीन है कि लंदन स्थित छह अन्य संपत्तियों को यूके बेस्ड फर्म- रिक्ज (यूके), टॉपलाइन इस्टेट्स लिमिटेड, क्वे मैनेजमेंट (वॉटरसाइड) लिमिटेड और इम्पीरियल होटेल (डार्टफोर्ड) लिमिटेड के द्वारा नियंत्रित की जा रही थीं। एजेंसी उनके मालिकों के बारे में जानकारी, फाइनैंशल रेकॉर्ड्स इकट्ठा कर रही है।

जुटाई जा रही है जानकारी

लंदन स्थित तीन अन्य संपत्तियां भी कथित रूप से यूएई की एक फर्म द्वारा नियंत्रित किए जा रहे थे। इनमें मिहाज इन्वेस्टमेंट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड शामिल है, जिसके मालिकाना हक और ट्रांजैक्शन से जुड़ी जानकारियों का पता लगाया जा रहा है। सूत्रों का कहना है, ‘जांच के दौरान पता चला है कि अपराधों के जरिए जिन भारतीय संपत्तियों को हासिल किया गया, उनकी बिक्री कर अवैध रूप से मिले फंड के जरिए 25 में से कई संपत्तियां खरीदी गईं।

मिर्ची ने इन संपत्तियों का किया था अधिग्रहण

ईडी ने मुंबई, ब्रिटेन और यूएई में तकरीबन 36 संपत्तियों की पहचान की है, जिनका अधिग्रहण मिर्ची के द्वारा किया गया था। सूत्रों ने कहा कि एजेंसी उनमें से कई पर अहम कदम उठाने को तैयार है। ऐसी संपत्तियों में वर्ली स्थित सीजे हाउस के दो फ्लोर हैं, जिन्हें कथित तौर पर एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल की कंपनी मिलेनियम डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा वर्ष 2007 में हजरा मेमन को हस्तांतरित किया गया था। पटेल ने इसमें किसी भी गलत काम से इनकार किया है।