दीपावली पर इंसान की भाषा में बताता है उल्लू!

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। रात का पहरेदार माना जाने वाला उल्लू दीपावली पर खास हो जाता है। कहा जाता है कि तांत्रिक इस रात को इसे सिद्ध कर इससे महत्वपूर्ण सिद्धियां हासिल करते हैं। यह पक्षी खुद ही इंसान की भाषा में बताता है कि उसका कौन सा अंग क्या सिद्धि देता है। इसीलिये दीपावली के पहले से इस पक्षी पर तांत्रिकों की नज़र होती है और वे बहेलियों की मदद से इसे हासिल करने में लग जाते हैं।

वैसे तो आधी रात को सन्नाटे को चीर कर आती उल्लू की आवाज लोगों को डरा देती है पर कुशल शिकारी माना जाने वाला यह चौकन्ना जीव दीपावली आने पर खुद ही खतरे में आ जाता है। तांत्रिक क्रियाओं के चलते लोग इसे पकड़ लेते हैं और उसके बाद इसकी खैर नहीं रहती। हालांकि सभी का यह फर्ज है कि इस जीव की रक्षा करें और किसी भी व्यक्ति द्वारा उल्लू को पकड़ जाने व इसका शिकार करने पर वन विभाग को सूचित करें।

तांत्रिकों की मानें तो उल्लू का हर अंग दीपावली पर उपयोगी है। इसके पंख, आँख, चोंच, पंजा, नाखून, खून, हड्डियां और माँस किसी न किसी बड़ी सिद्धि या तांत्रिक क्रिया के काम आता है। कहा जाता है कि तांत्रिक इसे दीपावली के दिन मंत्रों से बांध कर स्थिर कर देते हैं जिसके बाद यह इंसान की भाषा में हर सवाल का जवाब देता है। यह खुद ही बताता है कि उसका कौन सा अंग किस सिद्धि के काम आता है।

बताया जाता है कि अंत में जब वह अपने मुख के बारे में बताने वाला होता है तभी उसकी गर्दन काट दी जाती है क्योंकि वह यह कहने वाला होता है कि मेरा मुख तुम्हारी मौत के काम आयेगी और इसी के साथ उसे सिद्ध करने वाले तांत्रिक की मौत हो जाती है।

तंत्र के जानकारों का कहना है कि तांत्रिक क्रियाओं में उल्लू का विशेष महत्व बताया गया है। इसे कई तरीकों से सिद्ध किया जाता है। इसके अंदर प्राकृतिक रूप से कई तरह की रूहानी शक्तियां होती हैं। अच्छे सिद्ध तांत्रिक इसे दीपावली के दिन सिद्ध कर समाज कल्याण में उसकी शक्तियों का उपयोग करते हैं।

वहीं, वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि देश में उल्लू की कई प्रजातियां पायी जाती हैं, इनमें से कुछ दुर्लभ भी हैं। इसे पकड़ना और पालना वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अपराध है। ऐसा करने वाले के खिलाफ कार्यवाही का प्रावधान है।

(तंत्र मंत्र को बढावा देना हमारा उद्देश्‍य नहीं है, पर इस तरह की बातें समाज में प्रचलित हैं , जिसके चलते इस समाचार को प्रकाशित किया जा रहा है)

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