बारिश में अंकुरित होने लगे टूटे मक्के के दाने!

 

 

किसानों ने जिला प्रशासन को कराया अपने दुःख से अवगत

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। लगातार हो रही बारिश किसानों पर कहर बनकर ही बरस रही है। लगातार हो रही बारिश के कारण किसानों का टूटा हुआ मक्का एक बार फिर अंकुरित होने लगा है, जिससे किसानों की परेशानी बढ़ती नज़र आ रही है। किसानों ने अपनी इस समस्या से जिला प्रशासन को अवगत कराया है।

जिले में हो रही लगातार बारिश से किसानों के खेत में खड़ी मक्का की फसल एवं टूटकर गहानी के लिये खलिहान में रखी मक्का के दाने अंकुरित होकर भुट्टो के पत्तों को चीरता हुआ बाहर निकलने लगा है। बर्बाद हो रही फसल और थम नहीं रहे बारिश के दौर से किसान बहुत परेशान है। अखिल भारतीय अन्नदाता किसान संगठन के नेत्तृत्व में बड़ी सख्या में किसानों ने कलेक्टर कार्यालय पहुँचकर जिला कलेक्टर को अपने दुःख दर्द से अवगत कराया।

जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री, केन्द्रीय कृषि मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, एवं प्रदेश के कृषि मंत्री के नाम सौंपे गये ज्ञापन में किसानों ने बताया कि जिले में अतिवृष्टि होने से पहले ही फसल तबाह हो चुकी है, और जो बची हुई फसल है उसे किसान समेट रहा है। किसानों द्वारा भुट्टे तोड़कर गहानी के लिये खलिहान में रखा गया है और कुछ किसानों ने मक्का गहानी के बाद उसे सुखा रहे है और कई किसानों की अभी भुट्टा तुड़ाई का कार्य भी नहीं हुआ है।

ज्ञापन में कहा गया है कि जिले में वर्तमान में भी बारिश का दौर जारी है। लगातार हो रही बारिश के चलते भुट्टों में ही मक्का अंकुरित होने लगी है। खेत में खड़ी मक्का की फसल में लगे भुट्टे, खलिहान में रखे भुट्टे सभी अंकुरित हो रहे है और जिन किसानों की गहानी हो गयी है उनका भी मक्का धूप में सुखाने के अभाव में और बारिश में गीली होने के कारण फफूंद लगकर, अंकुरित होकर खराब हो रही है।

इतना ही नहीं बारिश के कारण किसानों का आवागमन का सबसे महत्वपूर्ण साधन माने जाने वाला ट्रैक्टर भी खेतों के अंदर कीचड़ होने के कारण नहीं घुस पा रहे है। इस वजह से भुट्टा तोड़कर उसे खलिहान तक लाने के लिये मजदूरों से ही काम करवाना पड़ रहा है, जिससे उन्हें दोगुनी मजदूरी लग रही है।

इस तरह से फसल बर्बाद होने के बाद भी जो बची हुई फसल है उसे समेटने में चार गुना से अधिक लागत लग रही है जिससे किसान आर्थिक संकट से घिर गये है। किसानों ने फसल नुकसानी का सर्वे कराकर उचित मुआवजा राशि एवं बीमा राशि प्रदान करने की माँग ज्ञापन में की है।

कोहका निवासी किसान मूरत सिंह सनोडिया ने बताया कि अधिक बारिश के कारण खेत में लगे भुट्टे में ही दाना अंकुरित होने लगा है। पहले ही अतिवृष्टि के कारण भारी नुकसानी हुई है और बची हुई फसल वर्तमान में हो रही बारिश के कारण बर्बाद हो रही है।

जैतपुर कला के किसान हरि राम बघेल ने बताया कि उनकी मक्का की फसल टूटकर खलिहान में गहाने के लिये रखी है जिसे उनके पास उपस्थित साधन के माध्यम से बारिश से बचाने के लिये उन्होंने ढांक भी दिया है लेकिन इसके बाद भी शीतलता मिलने और बारिश के जोर से अंदर तक पानी पहुँचने के कारण फसल अंकुरित हो रही है, जिससे उन्हें बहुत नुकसानी का सामना करना पड़ रहा है।

सिमरिया खैरीटेक किसान हरियल सनोडिया और हुकुमचंद सनोडिया ने बताया कि मक्का की फसल की उम्र पूरी हो गयी है और बारिश का दौर थम नहीं रहा है जिस वजह से मक्का अंकुरित होने लगा है। सभी किसानों ने बैंकों और निजि संस्थानों से ब्याज में रूपये लेकर लागत जुटाकर खेती का कार्य किया है और फसल बर्बाद होने के कारण किसानों को बेहद ज्यादा नुकसान हो जायेगा और अगली फसल लगाने तक के लिये उन किसानों के पास कुछ नहीं बचा है, खाने तक के लाले पड़ जायंेगे।

जिला कलेक्टर कार्यालय पहुँचे किसानों ने जिला कलेक्टर को अपनी अंकुरित होकर बर्बाद हुई फसल भी दिखायी। ज्ञापन सौंपने पहुँचे किसानों में हुकुमचंद सनोडिया, परसराम सनोडिया, मूरत सनोडिया, कृपाल बघेल, राजेन्द्र बघेल, सेहतर काकोड़िया, हरिराम बघेल, हरियल सनोडिया, सेवकदास, किशोर सनोडिया सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।