पेंच हो रहा पर्यटकों से गुलज़ार

 

 

वन्य जीवों को पास से देखकर रोमांचित हो रहे सैलानी

(जाहिद शेख)

कुरई (साई)। ब्रितानी घूमंतु पत्रकार रूडयार्ड क्पिलिंग की मशहूर किताब द जंगल बुक के किरदार मोगली की कथित कर्मभूमि पेंच नेशनल पार्क इन दिनों पर्यटकों से गुलज़ार है। देश – विदेश से आने वाले सैलानी यहाँ वन्य जीवों को समीप से देखकर रोमांचित हो रहे हैं।

दीपावली के अवकाश पर पेंच नेशनल पार्क में लगभग सभी रिसोर्ट हाऊस फुल ही नज़र आये। दीपावली के अवसर पर रिमझिम बारिश के बीच पर्यटकों के द्वारा वन्य जीवों विशेषकर बाघ के दीदार कर अमिट यादें अपने साथ ले जायीं जा रहीं हैं। पेंच नेशनल पार्क प्रबंधन के द्वारा बाघ दिखने के संभावित ठिकानों के आसपास पर्यटकों को घुमाया जा रहा है, जिससे पर्यटक आनंदित हो रहे हैं।

पेंच नेशनल पार्क में कोर के अलावा बफर क्षेत्र में भी सैलानी सैर सपाटे का लुत्फ उठा रहे हैं। गत दिवस टुरिया गेट से 02 नंबर रूट पर सैर के लिये निकले पर्यटकों को पाड़देव के पास मादा बाघ के दीदार बहुत ही करीब से हुए। इस नज़ारे को पेंच के नेचुरलिस्ट गाईड ओम वीर चौधरी ने अपने मोबाईल के कैमरे में कैद कर लिया। सैलानी बाघों को इतने समीप से देखकर रोमांचित हो गये। लगभग एक साल उम्र के तीन शावक भी बाघिन के साथ चल रहे हैं।

पिछले दिनों रुक – रुक कर हो रही बारिश के कारण पेंच के जंगल में चारों ओर हरियाली की छटा देखते ही बन रही है। बारिश के कारण अब भी पेंच के कई रूट बंद हैं जिसमें सफारी नहीं हो पा रही है। सुबह व रात के समय ओस और कोहरा भी जंगल में नज़र आ रहा है।

ऊगते सूरज की किरणें पेड़ों के पत्तों पर जमी ओस पर जैसे ही पड़ती है वे मोतियों के समान चमकने लगते हैं। ऊगते व ढलते सूरज का नज़ारा भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। कई किलो मीटर क्षेत्र में फैले घास के मैदानों व नदी – नालों के बीच उछलकूद करता चीतल, बायसन, नीलगाय, जैकाल, दुर्लभ पक्षियों का समूह सैलानियों को लुभा रहा है। पर्यटकों की बढ़ती तादाद को देखते हुए रिसोर्ट में भी विशेष इतेजाम किये गये हैं। पार्क के अधिकारियों के मुताबिक अगले एक पखवाड़े  तक पेंच पार्क हाऊस फुल रहेगा।