आवारा मवेशियों की धमाचौकड़ी!

 

 

(शरद खरे)

भारतीय जनता पार्टी शासित नगर पालिका परिषद की कार्यप्रणाली से आम जनता में रोष और असंतोष पनप रहा है। पालिका में विपक्ष में बैठी काँग्रेस को इस बात की किंचित मात्र परवाह भी नहीं दिख रही है कि वह नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मुहैया करवाने वाली भाजपा की नगर पालिका परिषद के खिलाफ कोई अभियान छेड़े।

जिले में सिवनी शहर में इकलौती नगर पालिका परिषद सालों से अस्तित्व में है। इस नगर पालिका पर तीन बार से भाजपा का कब्जा है। नगर की जनता भाजपा पर लगातार भरोसा क्यों जताती है इस बात पर शायद ही कभी काँग्रेस के नेताओं ने विचार किया हो। अगर काँग्रेस के नेता इस बारे में विचार करते तो निश्चित तौर पर पालिका पर भाजपा की बजाय काँग्रेस का कब्जा भी हो पाता।

दरअसल, स्थानीय मामलों में काँग्रेस के नेताओं के द्वारा किसी तरह की सुध न लिये जाने के कारण नगर पालिका सहित जिले की लखनादौन और बरघाट नगर परिषदों में भाजपा एवं निर्दलीय का तिलिस्म तोड़ने में काँग्रेस नाकाम ही रही है। काँग्रेस की विज्ञप्तियों पर अगर गौर किया जाये तो काँग्रेस की ओर से जारी होने वाली विज्ञप्तियां या तो पुण्य तिथि या जयंति मनाये जाने को लेकर होती हैं या फिर देश-प्रदेश के नेताओं या नीतियों पर ही केंद्रित हुआ करती हैं।

लोगों के बीच यह धारणा बन चुकी है कि देश प्रदेश की चिंता सियासी दलों को की जाना चाहिये किन्तु जिला स्तर के संगठन को सबसे पहले जिले की सुध ली जाना चाहिये, उसके बाद देश-प्रदेश के नेताओं या नीतियों पर कटाक्ष या वार किये जाने चाहिये, किन्तु सिवनी में सालों से चली आ रही परंपराओं के अनुसार स्थानीय मामलों को छोड़कर देश-प्रदेश की नीतियों और नेताओं पर कटाक्ष किये जाते हैं।

सिवनी शहर में आवारा मवेशियों ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। 18 अक्टूबर को बाहुबली चौराहे पर काँग्रेस के जिलाध्यक्ष राज कुमार खुराना के भांजे उदित कपूर को एक आवारा साण्ड ने उठाकर पटक दिया था। इसके बाद इस साण्ड ने अनेक लोगों को चोटिल किया। यहाँ तक कि गत दिवस इसी साण्ड के द्वारा एसपी बंग्ले के पास पेंच के एक रिसोर्ट के कर्मचारी को घायल कर दिया गया था।

एक साण्ड अगर आतंक बरपा रहा है तो इस मामले में काँग्रेस का जिला या नगर संगठन कम से कम एक अदद विज्ञप्ति जारी कर भाजपा शासित नगर पालिका परिषद से आवारा मवेशियों को सड़कों से हटाने की माँग तो कर ही सकता था। इसके अलावा भाजपा के जिला और नगर संगठन का मौन भी आश्चर्य जनक ही है।

यह आलम तब है जबकि 04 अक्टूबर को सांसद डॉ.ढाल सिंह बिसेन की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में जिलाधिकारी प्रवीण सिंह के द्वारा नगर पालिका को इस बात के लिये ताकीद किया गया था कि सड़कों से आवारा मवेशियों को तत्काल हटाया जाये। भाजपा शासित नगर पालिका परिषद के अधिकारी और कर्मचारी जब जिलाधिकारी के निर्देशों को ही तवज्जो नहीं दे रहे हैं तो आम जनता की सुध कौन लेगा, यह यक्ष प्रश्न आज भी अनुत्तरित ही है।