इम्यून सिस्टम सुधारकर रखें सर्दी जुकाम को दूर

 

मजबूत इम्यूीन सिस्टीम आपको कई बीमारियों से बचाये रखने में मददगार होता है। इन सात उपयोगी उपायों से आप पा सकते हैं मजबूत इम्यूेन सिस्टाम जिससे सर्दी जुकाम जैसी बीमारियां इस मौसम में आपको परेशान नहीं करेंगी।

 कोल्ड एंड फ्लू

सर्दियां शुरू होने को हैं। और इस मौसम में कोल्डर एंड फ्लू की समस्यान बढ़ जाती है। और जब भी ऐसी समस्यां होती है तो आप आमतौर पर दवाओं का सेवन कर इससे छुटकारा पा लेते हैं। ये दवायें 90 फीसदी तक कारगर होती हैं, और आपको इनसे आराम भी मिल जाता है। लेकिन, अच्छा0 तो यही है कि आप कोल्डम एंड फ्लू से दूर ही रहें। बीमार होकर ईलाज करने से बेहतर तो बीमारी से बचे रहना ही होता है। और बीमारी से बचे रहने के मजबूत इम्यू0न सिस्टकम का होना जरूरी है। तो, आखिर कैसे आप अपने इम्यूचन सिस्टेम को मजबूत बनाकर रख सकते हैं।

पाचन क्रिया रखें मजबूत

आपकी आंतों में रहने वाले माइक्रोब्सस न केवल भोजन पचाने में मदद करते हैं- बल्कि वे मेटाबॉलिज्मे, भूख, वजन और इम्यूून सिस्टमम को भी नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। सशक्तॉ प्रतिरोधक क्षमता के लिए स्वमस्थ और अच्छेो प्रकार से काम करने वाली आंतों का होना जरूरी है। यह जानकार आपको हैरानी होगी कि इम्यूेन सिस्टपम का 70 फीसदी हिस्घ्सा आंतों में होता है। और प्रोबॉयोटिक्सर आपकी आंतों को अच्छीम प्रकार से काम करने में बहुत मदद करते हैं। प्रोबायोटिक्सा उन अच्छे् बैक्टी्रिया को कहा जाता है जो सूजन और संक्रमण से बचाने का काम करते हैं। इसके साथ ही वे कोल्डर एंड फ्लू होने के खतरे को भी कम करते हैं।

प्रोसेस्ड फूड से दूर रहें

फलो और सब्जियों में एंटी-आॅक्सीतडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। ये तत्वस आपके शरीर को सर्दी-जुकाम के अलावा अन्यआॅ संक्रमणों से बचाने में भी मदद करते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों, बैरी, सालमन मछली और शकरकंद जैसे खाद्य पदार्थों में मौजूद तत्वह आपके इम्यूेन सिस्टेम को मजबूत बनाने का काम करते हैं। लेकिन, आपको चीनी, ग्लूेटेन (आटे का लस) और प्रोसेस्डे फूड से दूर रहना चाहिये। ये तत्व आपकी कुदरती रोग प्रतिरोधक क्षमता को नाटकीय रूप से कम कर देते हैं। इम्घ्यून सिस्टम की बेहतरी के लिए जरूरी है कि आप अपने दिन की शुरूआत बादाम या कोकेनेट मिल्की, अवोकेडो अथवा आल्मांड बटर से करें। ये हैल्थीड फैट्स इम्यूान सिस्टोम को मजबूत बनाते हैं। इसके अलावा फ्रोजन बैरी, चिया बीज भी प्रोटीन के अच्छेू स्रोत हैं।

जिंक का सेवन

विटामिन सी में एंटी-आॅक्सीाडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। और यह इस मौसम में आपके आहार का अहम हिस्सा् होना चाहिये। लेकिन, सर्दी के असर को कम करने के लिए आपको जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थों का भी सेवन करना चाहिये। कद्दू के बीज, पालक, सीप और बीन्सो में जिंक भरपूर मात्रा में होता है। इसमें इम्यूसन बूस्टिंग खूबी होती है और यह आपको सर्दियों के असर से बचाने में महत्वैपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सर्दियों की आहट शुरू होते ही आपको रोजाना 25 मिलीग्राम जिंक का सेवन शुरू कर देना चाहिये।

व्यायाम है जरूरी, लेकिन नींद की कुर्बानी नहीं

अगर आप अधिक और अनावश्यिक कैलोरी का सेवन करते हैं, तो मानकर चलिये कि आप सर्दी-जुकाम को न्योशता दे रहे हैं। शोध में यह साबित हुआ है कि जो लोग नियमित रूप से हल्को और मद्धम व्या याम करते हैं उन्हेंल सर्दी लगने की आशंका कम होती है। व्यासयाम से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। हालांकि, इसके साथ ही व्यासयाम करने के लिए अपनी नींद की कुबार्नी न दें। सर्दियों में फ्लू से बचने के लिए नींद की महती भूमिका होती है। रात को कम से कम सात घंटे की नींद जरूर लें और अगर इसके बाद भी थकान का अहसास हो तो 20 मिनट की पावर नैप जरूर लें।

लेवेण्ड्र आॅयल यानी कुदरती हैंड सेनेटाइजर

कई हैंड सेनेटाइजर में ट्रिक्लोबसन होता है। शोध यह साबित कर चुके हैं कि इससे जानवरों में हार्माेन असंतुलन की समस्यात हो सकती है। हालांकि, इस पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन फिर भी इस तत्व की मनुष्यों पर पड़ने वाले प्रभावों की जांच की जा रही है। हालांकि कई विशेषज्ञ मानते हैं कि हाथों को कीटाणु रहित रखने के लिए साबुन और पानी का पुराना तरीका ही अधिक कारगर है। एंटी-बैक्टीबरियल चीजों में मौजूद कठोर तत्वोंि के कारण बैक्टी्रिया अधिक क्षमतावान हो जाते हैं। इसके साथ ही त्वेचा भी अधिक रूखी होने लगीत है, जिससे वायरस का फैलना आसान हो जाता है। तो, ऐसे में आप लेवेण्ड्र आॅयल को हैंड सेनेटाइजर के रूप में इस्तेखमाल कर सकते हैं।

सफाई रखें

फ्लू वायरस से बचने का सबसे आसान तरीका यह है कि आप सफाई का ध्या न रखें। कीटाणु गंदगी में ही पनपते हैं। जब भी आप किसी कीटाणुयुक्तत स्थाकन को छूकर जब अपने मुंह या आंखों पर लगाते हैं, तो इससे संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। फोन, कंप्यूंटर और डेस्की ऐसे स्थाहन हैं जहां स्वा भाविक रूप से कीटाणु पनपते हैं। टी-ट्री आॅयल में एंटी-बैक्टीशरियल गुण होते हौ जो सोरासिस, नेल फंगस और एक्नेु आदि को दूर करने में मदद करते है। इसके साथ ही जरूरी है कि आप क्ली नर से सफाई करें। अगर आपको टी-ट्री आॅयल युक्त् कोई क्लीजनर नहीं मिलता है, तो आप इसे घर पर भी बना सकते हैं। इसे शुद्ध सिरका और पानी की बराबर मात्रा में ढेर सारा टी-ट्री आॅयल मिलाकर बनाया जा सकता है।

खिड़कियां खुली रखें

क्याक आपको लगता है कि आप घर पर ज्याीदा बीमार होते हैं। जी, यह केवल आपकी सोच ही नहीं है। क्यास आपको मालूम है कि अंदर की हवा बाहर की हवा से पांच गुना तक अधिक प्रदूषित हो सकती है। तो, बेहतर है कि अपने घर में ताजा हवा आने दें। भले ही कुछ देर के लिए ही सही लेकिन अपने घर की खिड़कियां खोलकर रखें। इसके अलावा घर पर पौधे लगाकर भी आप घर में ताजा हवा का स्त़र बनाये रख सकते हैं। आप घर के भीतर एलोवेरा, लिली आदि लगा सकते हैं।

(साई फीचर्स)