दोनों बस स्टैण्ड को जोड़कर किया जा सकता है एक!

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सरकारी और प्राईवेट बस स्टैण्ड के पास है पर्याप्त रकबा

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। सोशल मीडिया पर बस स्टैण्ड को वर्तमान स्थान से अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने के सुझावों के बीच अब शहर के नागरिकों में भी बस स्टैण्ड को लेकर चर्चाएं तेज होने लगी हैं। शहर के कुछ लोग वर्तमान बस स्टैण्ड को अन्यत्र या अलग – अलग दिशाओं के लिये अलग – अलग स्थान पर स्थानांतरित करने की बात कह रहे हैं तो अनेक लोग इसे जहाँ है वहीं रखे जाने के पक्षधर दिख रहे हैं।

आज़ादी के बाद से सिवनी शहर में यात्री बस स्टैण्ड का संचालन उसी स्थान पर हो रहा है जहाँ यह वर्तमान में है। सत्तर के दशक के आरंभ तक सरकारी बस स्टैण्ड में यात्री बस नज़ीर होटल की ओर मुँह करके खड़े हुआ करती थीं। उस दौर में प्राईवेट बस स्टैण्ड भैरोगंज जाने वाले मार्ग पर संचालित होता था।

इसके उपरांत सरकारी यात्री बस स्टैण्ड को जहाँ वर्तमान में संचालित हो रहा था वहाँ संचालित किया जाने लगा। इसके साथ ही प्राईवेट बस स्टैण्ड को लक्ष्मी नारायण मंदिर से बस स्टैण्ड के बीच संचालित किया जाने लगा। 1992 में तत्कालीन जिलाधिकारी पुखराज मारू के कार्यकाल में बस स्टैण्ड को बरघाट नाका ले जाया गया था, पर बाद में इसे वापस इसी स्थान पर पुनः संचालित किया जाने लगा।

लोगों का कहना है कि सरकारी बस स्टैण्ड के पास ही इतनी जमीन है कि अगर इसे व्यवस्थित कर दिया जाये तो बस स्टैण्ड को बाहर ले जाने की आवश्यकता शायद ही महसूस हो। वर्तमान में सरकारी बस स्टैण्ड पूरी तरह अव्यवस्था का शिकार हो चला है।

लोगों का कहना है कि सरकारी बस स्टैण्ड के डिपो वाले हिस्से में दक्षिणी दीवार को अगर तोड़कर यहाँ से प्राईवेट बस स्टैण्ड के लिये चौड़ा रास्ता निकाल दिया जाये तो सिवनी में बस स्टैण्ड के लिये पर्याप्त स्थान निकाला जा सकता है। अगर ऐसा किया जाता है तो निश्चित तौर पर आने वाले कम से कम दो दशकों में बस स्टैण्ड के लिये स्थान की कमी से प्रशासन को दो चार नहीं होना पड़ेगा।

लोगों की मानें तो इसके अलावा सरकारी बस स्टैण्ड में मॉडल रोड वाले हिस्से को छोड़कर अन्य स्थानों पर अगर दुकानें निकालकर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनवा दिया जाता है तो इससे परिवहन विभाग या नगर पालिका को भी खासी आय हो सकती है। लोगों का मानना है कि प्रशासन को इस मामले में विचार अवश्य करना चाहिये।