(ब्यूरो कार्यालय)
मुंबई (साई)। साल 2012 में फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ से सिद्धार्थ मल्होत्रा ने बॉलीवुड डेब्यू किया था।
इस फिल्म के बाद से उन्होंने जो भी फिल्में कीं, उनमें अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण दिया। फिल्म ‘हंसी तो फंसी’ में एक संवदेनशील किरदार हो या फिर उसी साल आई उनकी फिल्म ‘एक विलेन’ का किरदार, फिल्म ‘कपूर एंड सन्स’ का किरदार हो या फिर आगामी फिल्म, जो वह कारगिल शहीद विक्रम बत्रा की बायोपिक कर रहे हैं।
उनकी फिल्मों की फेहरिस्त में पर्याप्त विविधता है, भले ही उनकी कुछ फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल न किया हो। हालांकि इन सबके बावजूद 34 वर्षीय सिद्धार्थ मल्होत्रा अपने काम से खुश हैं और उन्हें खुशी है कि लोग उनके काम को पसंद करते हैं। वह कहते हैं, ‘मैं भाग्यशाली रहा हूं कि लोगों ने हमेशा फिल्म में मेरे काम को पसंद किया है। भले ही उस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर खास कमाल न किया हो।’
हालांकि वह यह स्वीकार करते हैं कि जिस फिल्म को लोगों ने न पसंद किया हो, उसमें बहुत अच्छा कर लेने से भी आपको अवसर नहीं मिल पाते। एक अच्छी फिल्म में अच्छा काम करना जरूरी है।
सिद्धार्थ बॉक्स ऑफिस के नंबर गेम से अप्रभावित रहना चाहते हैं। उनका कहना है, ‘यह सीखने की बात है कि आप आगे बढ़ते रहें और इस डर को अपने ऊपर हावी न होने दें। अगर मैं इस डर और बॉक्स ऑफिस नतीजों से प्रभावित होता हूं, तो यह मेरी रचनात्मकता का अंत होगा। इसलिए मैं अप्रभावित रहने की उम्मीद करता हूं और नई चीजों को करने की कोशिश करता हूं।’
वह आगे बताते हैं, ‘कुछ लोग बॉक्स ऑफिस पर आंकड़ों के साथ फिल्म की सफलता या विफलता को जोड़ते हैं, जिसका मुझे बहुत बाद में एहसास हुआ। वे आंकड़े फिल्म की सफलता तय करने के मुख्य मापदंड हैं। कहीं न कहीं यह ठीक है, क्योंकि यह एक बिजनेस है। मैं नई चीजें करने की कोशिश करता हूं, हो सकता है वह ठीक न हो। हालांकि ऐसे लोग भी हैं, जो अच्छा काम करते हैं और कुछ नहीं करते। वह यह सवाल भी करते हैं- आपकी राय में आंकड़ों का मिलान क्यों होता है? लोग हमेशा फिट होने की कोशिश करते हैं। वे अकसर कहते हैं कि मुझे पसंद आई तो 100 करोड़ की होगी या मुझे पसंद नहीं आई तो नहीं चल सकती। लोगों को बहुमत में रहना पसंद है, जो कि अनुचित है।
सिद्धार्थ अपनी बात आगे रखते हुए कहते हैं, ‘अमिताभ जी की ‘अग्निपथ’ (1990) फिल्म नहीं चली थी, लेकिन यही फिल्म एक्टर्स के अभिनय कौशल सीखने के लिए सबसे अच्छी है। इस तरह से यह एक मजेदार बिजनेस है। मैं मानता हूं कि कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस से एकदम परे हैं।’

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