खरीदते समय बेहतर धान, मिलिंग के लिये खराब कैसे!

 

जिला योजना समिति में प्रभारी मंत्री पांसे के सख्त तेवरों से प्रशासन सकते में!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। धान की जब खरीदी होती है तो उसके लिये सौ तरह की बातों को ध्यान में रखते हुए किसान से धान खरीदी जाती है, पर जब मिलिंग की बारी आती है तो मिलर्स को घटिया धान देकर गुणवत्ता विहीन चावल किस तरह लिया जाता है। उक्ताशय की बात प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे ने जिला योजना समिति की बैठक में कही।

जिला प्रशासन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेसी ऑफ इंडिया को बताया कि कुछ लोगों के काकस में प्रभारी मंत्री के जकड़े होने की चर्चाएं लंबे समय से चल रहीं थीं। इस आशय के शिकवे शिकायतें भी मुख्यमंत्री कमल नाथ तक विभिन्न स्त्रोतों से भेजी जा रहीं थीं। इस बार प्रभारी मंत्री के तल्ख तेवरों को देखकर लोग आश्चर्य चकित भी हुए।

सूत्रों ने बताया कि प्रभारी मंत्री ने धान मिलिंग के मसले पर सख्त रवैया अपनाया। उन्होंने कहा कि जब किसानों से धान की खरीद की जाती है तो शासन के द्वारा निर्धारित विभिन्न मापदण्डों का कड़ाई से पालन किया जाता है। कई बार इस तरह की प्रक्रिया से किसान परेशान भी हो जाते हैं।

सूत्रों की मानें तो प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि इससे उलट इस तरह की खबरें भी मिलती हैं कि जब गुणवत्ता युक्त धान को मिलिंग के लिये मिलर्स को दिया जाता है तब यह गुणवत्ता विहीन हो जाती है। यही नहीं मिलर्स से मिलिंग के बाद वापस आने वाली धान का स्वरूप सबसे ज्यादा गुणवत्ता विहीन होता है।

सूत्रों ने बताया कि प्रभारी मंत्री ने कहा कि उन्हें यह भी बताया गया है कि राशन दुकानों से वितरित किया जाने वाला चावल बहुत ही घटिया गुणवत्ता का होता है। ऐसा किस तरह हो सकता है! उनके द्वारा तत्काल ही गोदामों की जाँच करवायी जाकर दोषियों पर सख्त कार्यवाही के आदेश दिये।

सूत्रों ने यह भी बताया कि प्रभारी मंत्री के द्वारा धान की खरीदी की बात कहे जाने पर वहाँ उपस्थित जन प्रतिनिधियों ने एक सुर में कहा कि किसानों से खरीदी गयी धान को उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश की घटिया धान से बदल दिया जाता है। इतना ही नहीं इस धान को कहीं – कहीं पर भण्डारण के दौरान सड़ा भी दिया जाता है।

सूत्रों ने बताया कि प्रभारी मंत्री मंगलवार को अपने सिवनी प्रवास के दौरान महामाया वार्ड की एक राशन की दुकान का औचक निरीक्षण करने गये थे। वहाँ उन्हें व्यापक स्तर पर अनियमितताएं मिलीं। इसके बाद जिला योजना समिति में पहुँचे प्रभारी मंत्री के तेवर बदले हुए दिखे।

सूत्रों ने बताया कि प्रभारी मंत्री के तल्ख तेवरों को देखते हुए जिलाधिकारी प्रवीण सिंह के द्वारा तत्काल ही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सहित अन्य मातहतों को गोदामों के निरीक्षण के लिये पाबंद किया गया। इस दौरान नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक एल.के. झारिया पर भी प्रभारी मंत्री का नज़ला टूटा।

 

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