खुले में रखी फसल भीगी, सब्जियों को नुकसान
(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। गुरुवार शाम को हुई जोरदार बारिश विदिशा, ग्यारसपुर, गुलाबगंज में मंडियों में खुले में रखी लगभग 7 हजार क्विंटल धान गीली हो गई। ओलावृष्टि से खेतों में टमाटर और बैंगन की फसलों को नुकसान हुआ है। 90 फीसदी गेहूं और चने की फसल को बारिश से फायदा हुआ है। विदिशा में 12 घंटे में 22 मिमी बारिश हुई है।
होशंगाबाद जिले में मंडियों में खुले में रखी करीब 80 हजार क्विंटल धान भीग गई। शुक्रवार को धूप निकलने पर धान सुखाने के प्रयास किए गए। कृषि वैज्ञानिक डॉ. जितेंद्र सिंह का कहना है कि गेहूं, चना की फसल के लिए बारिश फायदेमंद है। सीहोर में बारिश के साथ ही ओलावृष्टि हुई लेकिन जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी शैलेष शर्मा का कहना है कि जिले में खरीदी केंद्रों पर धान रखने के पर्याप्त इंतजाम हैं, जिससे धान गीली नहीं हुई है।
जिले में जिन क्षेत्रों में सब्जियों की पैदावार होती है, वहां ओले नहीं गिरे हैं, सिर्फ एक गांव धनखेड़ी में ओले गिरे हैं। लेकिन यहां सब्जियां नहीं उगाई जाती है। छिंदवाड़ा जिले के हर्रई क्षेत्र में ओलावृष्टि से सब्जियों को नुकसान हुआ है। कृषि उपसंचालक जेआर हेड़ाऊ का कहना है कि बारिश फसलों के लिए फायदेमंद है। हरदा में हल्की बारिश हुई, लेकिन ओलावृष्टि नहीं।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरसी शर्मा का कहना है कि हल्की बारिश से फसलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बैतूल में तेज बारिश से मंडी में रखा सोयाबीन, मक्का भीग गई। लेकिन गेहूं, चना की फसलों को लाभ मिला है। जिले में 24 घंटे में 8.8 मिमी बारिश दर्ज की गई।
ग्वालियर चंबल अंचल में भिंड-मुरैना, दतिया, शिवपुरी में हल्की बारिश के साथ ओले गिरे। शुक्रवार को शिवपुरी में खोड़, खनियाधानां के कुछ इलाको में चने से छोटे आकार के ओले गिरे। दतिया के खूजा में ग्राम बराबुजुर्ग में ओले गिरे। फिलहाल की बारिश से गेहूं और सरसों की फसल को फायदा हुआ है। उनकी एक सिंचाई बच गई है, हालाकि ये दौर दो तीन दिन तक जारी रहा तो परेशानी बढ़ सकती है।
मुरैना में गुरुवार देर रात करीब डेढ़ घंटे तेज बारिश हुई। मौसम विभाग के मुताबिक अब आगामी दिनों में बारिश नहीं होगी। यदि बारिश नहीं होती है तो अंचल में रबी की फसल की पैदावार अच्छी होगी। अंचल में करीब 1 लाख 53 हजार हेक्टेयर मेंं सरसोंं की बुवाई हुई है। उस फसल को अधिक फायदा होगा, जो बीहड़ क्षेत्र के गांवोंं में बोई गई है, क्योंकि इन जगहों पर सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलता।
गेहूं की करीब 1 लाख हेक्टेयर से अधिक में बुवाई हुई है। गेहूं को सिंचाई की अधिक जरूरत होती है, ऐसे में बारिश से अधिक फायदा गेहूं को होगा। छतरपुर में बीते रोज हुई बारिश से फसलों को फायदा हुआ है। जिले में उन किसानों को कुछ नुकसान की आशंका है जिन्होंने देर से अपने खेतों में पिपरमेंट की बुवाई की थी।

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