चिड़ियाघर में पहली बार मां बनी शेरनी बिजली ने खाए अपने दो शावक

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

इंदौर (साई)। चिड़ियाघर में 20 नवंबर को मां बनी शेरनी बिजली ने अपने ही तीन शावकों में से दो को खा लिया। यह घटना संभवतः तीन-चार दिन पहले की है।

जन्म के 18 दिन बाद रविवार को जब बिजली अपनी गुफा से बाहर पानी पीने निकली तो गुफा का जायजा लेने एक कर्मचारी को भीतर भेजा गया। वहां उसे दो शावकों के शरीर के कुछ हिस्से दिखे और उनके खाए जाने की पृष्टि हुई। चिड़ियाघर में मेघा और बिजली ने चार दिन के अंतराल में पांच शावकों को जन्म दिया था। इससे यहां शेरों की संख्या 14 पहुंच गई थी।

मेघा और आकाश का जोड़ा पहले भी कई बार शावकों को जन्म दे चुका है। मेघा अपने बच्चों की देखरेख भी अच्छी तरह से कर रही है। बिजली भी अपने एक शावक का ठीक से ध्यान रख रही है। शावकों की मौत पर जू प्रभारी उत्तम यादव का कहना है कि बिल्ली और कुत्ते की प्रजाति में अकसर मांएं अपने बच्चों को खा जाती हैं। बिजली बच्चों के जन्म के बाद से ही गुफा में अपने शावकों के साथ थी। शावकों के जन्म के बाद उसकी देखरेख मां ही करती है। मेघा और आकाश के दोनों बच्चे स्वस्थ हैं।

मेघा से जन्मे शावक की भी हुई थी मौत

16 नवंबर को मेघा ने दो और इसके चार दिन बाद बिजली ने तीन शावकों को जन्म दिया था। बच्चों की देखभाल के चलते मेघा और बिजली को अलग-अलग रखा गया है और इनके पास किसी को आने नहीं दिया जा रहा है। मेघा इससे पहले चार बार शावकों को जन्म दे चुकी है जबकि बिजली ने पहली बार शावकों को जन्म दिया है। एक बार मेघा से जन्मे शावक की भी मौत हो चुकी है