रेल मार्ग है बंद, बसों में किराये के नाम पर लूट मची!

 

परिवहन विभाग के साथ ही साथ मुझे यातायात जैसे विभागों से शिकायत है जिनकी नाक के नीचे सिवनी में कई यात्री बसों का अवैध रूप से संचालन हो रहा है और मुसाफिरों की जेबें खाली की जा रही हैं।

यहाँ की बसों में मनमाना किराया वसूला जा रहा है। किराये लेने के बाद यात्री को टिकिट तो दी जाती है लेकिन उसमेें यह स्पष्ट ही नहीं होता है कि उक्त टिकिट किस गंतव्य तक के लिये बनायी गयी है और उसके लिये कितना पैसा वसूला गया है। यह स्थिति एक नहीं अनेकों बसों में है लेकिन किसी भी विभाग के द्वारा ऐसे बस संचालकों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

उल्लेखनीय होगा कि सिवनी में ब्रॉडगेज़ के नाम पर मेगा ब्लॉक लगाते हुए नैरोगेज़ रेल सेवाओं को बंद किया जा चुका है। इन सेवाओं को जब बंद किया गया था तब बताया गया था कि दो वर्षों में ब्रॉडगेज़ का काम पूरा हो जायेगा लेकिन ऐसा हो नहीं सका। रेल सेवाएं बंद होने के बाद लोगों के पास सड़क मार्ग ही एकमात्र विकल्प बचा है और उसका भरपूर फायदा कई यात्री वाहनों के संचालकों के द्वारा उठाया जा रहा है।

सिवनी की स्थिति देखकर यही लगता है कि यहाँ नियम कायदे कोई मायने नहीं रखते और इनका पालन करवाने वाले जिम्मेदार लोग सिर्फ और सिर्फ वेतनभोगी बनकर पगार लेते जा रहे हैं, यात्रियों को उनकी किस्मत के ऊपर छोड़ दिया गया है। यात्री वाहनों में किराया सूची चस्पा न होने के कारण बुकिंग एजेंट के द्वारा जितनी राशि की माँग की जाती है, यात्री को उतनी ही राशि देना पड़ती है। अधिक किराया पर आपत्ति किये जाने पर ये गुण्डेनुमा एजेंट अपने अन्य साथियों को बुला लेते हैं और फिर शुरू होता है यात्री को जमीन दिखाने का काम।

ऐसे में जिला प्रशासन से ही अपेक्षा की जा सकती है कि जब यात्रियों के समक्ष सड़क मार्ग ही विकल्प बचा है तो यात्री वाहनों पर कड़ी नज़र रखवायी जाये। बुकिंग एजेण्टों की गुण्डागर्दी को भी रोका जाना चाहिये क्योंकि इससे यात्री सहम जाते हैं। यात्रियों को शीघ्र अतिशीघ्र राहत पहुँचाये जाने की आवश्यकता है ताकि उनसे निर्धारित से अधिक किराया न वसूला जा सके।

प्रभाकर सिरसाम