बालाघाट में लगाई फेंसिंग, अब सड़क पर नहीं आएंगे वन्यजीव

 

 

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

बालाघाट (साई)। बालाघाट से लामता-चरेगांव व नैनपुर मार्ग किनारे घने जंगल हैं और यहां से ब्रेकर के अभाव में वाहनों की चपेट में आने से हर साल दर्जनभर वन्य प्राणियों की मौत हो रही थी। वन विभाग ने जंगल के मुख्य मार्गों के किनारे कंटीले तार व फेंसिंग तार लगाकर वन्य प्राणियों को बचाने के उपाय कर लिए हैं।

अब वन्यप्राणी सड़क पर नहीं आ पाएंगे और वे जंगल में ठीक तरीके से रह सकेंगे। इन दिनों लामता वन मंडल की पूरी सात रेंजों में वन्यप्राणियों की चहलकदमी अधिक बढ़ गई है। इस कारण वन विभाग ने तार लगाकर वन्य प्राणियों को मार्ग से गुजरने वाले तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आने से बचाने का काम किया है।

चीतल सबसे ज्यादा चपेट में आते थे

लामता वन मंडल की पूरी सात रेंज कान्हा नेशनल पार्क के पेंच कॉरिडोर से जुड़ी हुई है। इसके कारण चरेगांव, लामता, नैनपुर मार्ग पर घने जंगलों में वन्यप्राणी बाघ, तेंदुए, बायसन, चीतल, बारहसिंगा, भालू, नीलगाय, कोठरी, सांभर समेत अन्य वन्यप्राणियों की संख्या बहुतायत में है। मुख्य मार्ग पर सड़क पार करते रहने से ये वाहनों की चपेट में आ जाते थे। इनमें सबसे ज्यादा चीतल हैं जिनकी वाहनों की चपेट में आने से मौत हो रही थी।