सिवनी के चुनिंदा किसान शामिल हुए कार्न फेस्टिवल में!

 

भाजपा नेताओं ने लगाये प्रदेश सरकार पर आरोप

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। छिंदवाड़ा में आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्न फेस्टिवल (मक्का की उपज से संबंधित सेमिनार) मे सिवनी जिले के सिर्फ चुनिंदा किसानों को ही शामिल करके मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पुनः यह प्रमाणित कर दिया है कि उनके लिये निज़ि राजनैतिक महत्वाकांक्षाएं सर्वाेपरि हैं, इसके लिये चाहे पूरे प्रदेश को विकास से वंचित रखना पड़े अथवा छिंदवाड़ा के पड़ौसी जिलों के साथ भेदभाव की राजनीति करनी पड़े।

उक्त आशय के आरोप वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक नरेश दिवाकर द्वारा लगाये गये। श्री दिवाकर ने कहा कि यह सर्वविदित है कि प्रदेश में छिंदवाड़ा और सिवनी दोनों ही जिलों में मक्के की फसल प्रमुख फसल के रूप में उपजायी जाती है। ऐसे में जब मुख्यमंत्री कमल नाथ सिवनी को गोद लेकर उसका विकास करने की बात कहते हैं तब वे चाहते तो इस कार्यक्रम को सिवनी में आयोजित करके इस जिले के कृषकों के साथ न्याय कर सकते थे। उन्होंने ऐसा न करके सिवनी जिले के चुनिंदा कृषकों को ही इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया। इससे यह प्रमाणित होता है कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और।

श्री दिवाकर ने कहा कि श्री नाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री के बजाय महज़ छिंदवाड़ा जिले के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करके न सिर्फ सौतेला व्यवहार करते हैं बल्कि सिवनी जिले के संसाधनों में कटौती करने के प्रयास करने में भी वे पीछे नहीं है। यदि छिंदवाड़ा की बजाय कार्न फेस्टिवल सिवनी में किया जाता तो इसमें श्री नाथ को क्या नुकसान हो रहा था यह समझ से परे है।

श्री दिवाकर ने कहा कि, यह पहला मामला नहीं है जब कमल नाथ द्वारा सिवनी जिले को उपेक्षित किया गया है। पूर्व में फोर लेन को छीनने के उनके प्रयास जग जाहिर हैं, और अब सिवनी जिले के किसानों को पेंच का पानी न मिल सके इसके लिये पूरा प्रयास कर रहे हैं। अपने इन्हीं प्रयासों के तहत उन्होंने माचागोरा बांध से पानी निकासी के लिये ऐसे प्रोजेक्ट तैयार करवाये हैं जिससे माचागोरा बांध का रिज़र्व वाटर भी अपने लेवल से नीचे जाकर छिंदवाड़ा जिले की खेती को तो सिंचित कर सके किंतु रिज़र्व लेवल से नीचे होने के कारण इसका पानी पेंच की नहरों के माध्यम से सिवनी पहुँच ही नहीं सका।

श्री दिवाकर ने कहा कि श्री नाथ ने राजनीतिक मर्यादाओं को तो तोड़ा ही लेकिन इसके आगे बढ़कर वे मानवीय संवेदनाओं को तिलांजलि देने पर तुले हैं। जिले के अन्नदाता किसानों के साथ श्री नाथ द्वारा किये जाने वाला यह अमानवीय कार्य सर्वथा अस्वीकार है और हम सिवनी जिले के कृषकों के लिये हर संघर्ष हेतु तैयार हैं।