किसान हो रहे धान विक्रय केंद्रों में हलाकान

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। जिले में धान की खरीदी छः दिसंबर से आरंभ हो गयी है। धान खरीदी के साथ केन्द्रों पर अव्यवस्था का आलम दिखने लगा है। जिले के कई केन्द्रों पर अभी तक खरीदी आरंभ नहीं हो पायी है।

कई ग्राम के किसानों को बिना उनको सूचित किये उनका केन्द्र बदले जाने का मामला सामने आया है। इसको लेकर किसानों में आक्रोश है। केन्द्र बदले जाने से आहत नंदौरा के किसानों ने मंगलवार को कलेक्टर प्रवीण सिंह को संबोधित ज्ञापन सौंपकर शिकायत की।

नंदौरा के किसानों ने कहा कि पिछले वर्ष तक धान खरीदी केन्द्र गोपालगंज था। गेहूँ खरीदी के समय सीलादेही केन्द्र बनाया गया। सीलादेही में अभी खरीदी नहीं हो रही है। किसानों ने जब केन्द्र पर संपर्क किया तो उनको बताया गया कि वे लोग कारीरात जाकर धान बेच सकते हैं। किसानों ने बताया कि नंदौरा से गोपालगंज व सीलादेही की दूरी लगभग दो किलो मीटर है। कारीरात की दूरी 22 किलो मीटर से अधिक है।

ऐसे में एक किसान को एक ट्रॉली में 17 क्विंटल धान ले जाने में लगभग दो हजार रुपये का अतिरिक्त खर्च आयेगा। यदि जिस दिन धान ले गये और उस दिन नहीं बिका तो किसान को वहाँ रखवाली में दिक्कत होगी। किसानों का कहना है कि कारीरात में खरीदी किये जाने से संबंधित कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। किसानों का कहना है कि गोपालगंज सोसायटी से उनको खाद-बीज मिलता है।

उनका लोन भी संबंधित समिति में चलता है। वे वोट भी वहाँ करते हैं, ऐसे में उनको अलग क्यों किया जा रहा है। इसको लेकर वे आक्रोशित हैं। इस संबंध में गोपालगंज के प्रबंधक के.एस. बरकड़े ने बताया कि उन्हें नहीं मालूम है कि नंदौरा को क्यों अलग किया गया है।

सीलादेही के प्रबंधक रामकुमार सनोडिया ने बताया कि उन्होंने धान की खरीदी नहीं करने की बात लिखकर दी है। उनका कहना है कि इसलिये इसके बारे में कोई उनसे बात नहीं कर सकता है। इस संबंध में नान के डीएम ललित कुमार झारिया ने बताया कि यह उनके अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है।