कब सुलझेगी कुरई घाट में मिले शव की गुत्थी!

 

पाँच साल से कुरई पुलिस कर रही तफ्तीश, नतीज़ा सिफर!

(अपराध ब्यूरो)

सिवनी (साई)। पाँच साल पहले 20 दिसंबर को कुरई घाट में मिले एक युवती के शव की अबूझ पहेली पर से अब तक पर्दा नहीं उठने के कारण पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं। एक अज्ञात युवती का शव 20 दिसंबर 2014 को कुरई घाट में मिला था, जिसके शरीर पर चोट के निशान थे।

कुरई पुलिस के भरोसेमंद सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि वर्ष 2014 में 20 दिसंबर को, दिन ढलते – ढलते एक युवती का शव कुरई घाटी में मिला था। सूत्रों ने बताया कि इस शव के बारे में पतासाजी करने में कुरई पुलिस ने अब तक ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखायी थी।

सूत्रों ने बताया कि इसके बाद तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आर.पी. सिंह के द्वारा पुलिस के कुछ काबिल अफसरान को इस अंधे हत्याकाण्ड से पर्दा उठाने की जवाबदेही सौंपी गयी थी। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में काबिल अफसरान लगातार ही पतासाजी करते रहे, किन्तु उनके हाथ भी सफलता नहीं लग सकी।

पाँच साल बीतने के बाद भी, यह शव कुरई घाट में कैसे पहुँचा इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है। और तो और युवती कौन है, इस बात की शिनाख्त भी नहीं हो सकी है। ज्ञातव्य होगा कि पत्रकारों और पुलिस को मिलाकर पुलिस के द्वारा बनाये गये सोशल मीडिया व्हाट्सएप्प समूह में तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक अवध किशोर पाण्डेय के द्वारा उक्त युवती का चित्र डालकर उसकी शिनाख्त करने की अपील भी की गयी थी।

अज्ञात शवों की गुत्थी है अनसुलझी : इसी तरह छपारा थानांतर्गत ग्राम तिलबोड़ी में पाँच अगस्त 2016 को हुई महिला की हत्या का खुलासा नहीं हो पाया है। इस महिला की हत्या हुए दो साल बीत चुके है पर पुलिस को इसका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। बताया जाता है कि घटना के दिन महिला खेत में निंदाई व अन्य काम से गयी थी। उसकी निर्मम तरीके से धारदार हथियार से हमला कर हत्या की गयी थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस के द्वारा इस मामले में सघन जाँच की जा रही है।

सूत्रों ने बताया कि इसी तरह कान्हीवाड़ा थाना क्षेत्र के भोमा में 19 अगस्त 2016 की सुबह खेत में महिला का शव मिला था। इस मामले में भी पुलिस को अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। यह महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त बतायी जा रही थी। उसके गर्भवती होने की संभावना पुलिस ने जतायी थी।

सूत्रों ने बताया कि लगभग सात साल पहले बरघाट थानांतर्गत केसलई ग्राम के पास भी सड़क किनारे एक महिला का शव मिला था। इस बारे में भी अब तक पुलिस के हाथ खाली ही हैं। इसके अलावा लूघरवाड़ा के जैन मंदिर में हुए चौकीदार के कत्ल पर से भी अब तक पर्दा नहीं उठ पाया है। हाल ही में अनेक हत्याओं के मामले भी घटे हैं जिन मामलों में भी पुलिस के हाथ किसी तरह की सफलता नहीं लग पायी है।

पिछले साल 19 सितंबर को धूमा थानांतर्गत बोदानाला के समीप भी लगभग 17 साल की एक अज्ञात युवती का शव मिला था। युवती के दोनों कंधे गमछे से बंधे हुए थे, और उसके मुँह में कंकड़ पत्थर भरे हुए थे। इस मामले में भी पुलिस अभी तक खाली हाथ ही है।

सूत्रों ने बताया कि सिवनी जिले में अनेक कमसिन बालाओं के गायब होने की शिकायतें भी पुलिस के पास दर्ज हैं। इसके बाद भी पुलिस के द्वारा इनकी पतासाजी में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाया जाना आश्चर्य जनक ही माना जायेगा। सूत्रों ने कहा कि सिवनी में पुलिस की कथित अनदेखी के चलते अगर मानव तस्करों के लिये सिवनी मुफीद जिला बन जाये तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिये।