हजारों क्विंटल धान चढ़ा पानी की भेंट

 

अब गीली धान पर छाया अंकुरित होने का खतरा!

(सादिक खान)

सिवनी (साई)। वर्ष 2019 के अंतिम दिन आरंभ हुई बूंदाबांदी इन पंक्तियों के लिखे जाने तक जारी ही है। असमय बारिश के होने के कारण खरीद केंद्रों में बिना किसी व्यवस्था के खुले में रखा धान पानी में पूरी तरह भीग चुका है। अब इस धान पर अंकुरण का खतरा मण्डराता दिख रहा है।

मंगलवार की शाम आरंभ हुई बूंदाबांदी से मौसम का बदलाव आरंभ हुआ। नये साल के पहले दिन और उसके बाद बृहस्पतिवार को भी हुई बारिश में खुले में रखा धान पूरी तरह भीग गया। बरघाट विधान सभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा धान भीगने की खबरें हैं।

स्थान-स्थान पर खरीद केंद्र में खुले में रखी धान को बारिश से बचाये जाने के लिये किसी तरह के मुकम्मल इंतजाम नहीं किये जाने के कारण धान पूरी तरह भीग चुका है। बरघाट के अरी, गंगेरुआ, आष्टा, धारना सहित अन्य केंद्रों में धान बेचने आये किसानों ने केंद्र प्रभारियों पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए बताया कि सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने के कारण इनकी धान भीग गयी है।

किसानों ने यह भी कहा कि बताया कि बारिश में धान भीगने से अब केंद्र प्रभारी धान में नमी व अन्य कमी बताकर खरीदने से इंकार करेंगे। इससे उन्हें खासी नुकसानी का सामना करना पड़ सकता है। जिले के 82 धान खरीदी केंद्रों में अब तक पाँच लाख क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। इसमें से तीन लाख क्विंटल धान का परिवहन किया जा चुका है। वहीं दो लाख क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे रखी हुई है। बेमौसम बारिश के कारण खुले में रखी धान भीग रही है।