इस साल सेवानिवृत होंगे 20 आईपीएस

 

एसपी स्तर के अधिकारियों की कमी

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश में भारतीय पुलिस सेवा के 20 अधिकारियों का 2020 में रिटायरमेंट हो रहा है। इनमें 10 डीजी स्तर के अधिकारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिनमें से तीन अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इससे 1987 और 1988 बैच के अधिकारियों के लिए पदोन्न्ति के रास्ते खुल जाएंगे।

इसी तरह राज्य पुलिस सेवा से पदोन्न्त होकर आईपीएस अवार्ड हासिल करने वाले चार आईजी और छह डीआईजी स्तर के अधिकारी भी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिससे राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की पदोन्न्ति संभव हो सकेगी। मगर बड़ी संख्या में रिटायरमेंट के कारण आईपीएस के सबसे निचले क्रम के पद एसपी स्तर पर इस साल भी अफसरों की कमी हो सकती है।

भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों में इस साल 20 अफसरों का रिटायरमेंट है, जिनमें सीधी भर्ती के 10 अधिकारी हैं। ये सभी अधिकारी पुलिस महानिदेशक स्तर के हैं, जिनमें से आलोक पटेरिया व संजीव कुमार सिंह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। संजीव कुमार सिंह का फरवरी में रिटायरमेंट है।

चयन-भर्ती के विशेष पुलिस महानिदेशक केएन तिवारी भी मार्च में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वहीं महानिदेशक विशेष स्थापना पुलिस अनिल कुमार अप्रैल तो पटेरिया मई, पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव जून और अगस्त में हनी ट्रैप की एसआईटी के प्रमुख व सायबर पुलिस के विशेष महानिदेशक राजेंद्र कुमार तथा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में डायरेक्टर आरके शुक्ला का रिटायरमेंट है। सितंबर में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ विवेक जौहरी और पीटीआरआई में पदस्थ विशेष महानिदेशक महान भारत का रिटायरमेंट है तथा मैथलीशरण गुप्ता अक्टूबर में रिटायर हो जाएंगे।

राज्य पुलिस सेवा से पदोन्न्त होकर आईपीएस बने 10 अधिकारी भी इस साल रिटायर हो रहे हैं। इनमें आईजी सीआईडी आईपी कुलश्रेष्ठ, शहडोल आईजी एसपी सिंह, महिला अपराध के आईजी आरके अरुसिया व इंदौर पीआरटीएस आईजी रमनसिंह सिकरवार शामिल हैं।

हाल ही में बमुश्किल डीआईजी बनाए गए 34वीं वाहिनी के अखिलेश झा, शहडोल डीआईजी पीएस उइके, डीआईजी अजाक आईपी अरजरिया, डीआईजी सागर दीपक वर्मा, डीआईजी होशंगाबाद आरए चौबे और डीआईजी खरगोन एमएस वर्मा के रिटायरमेंट भी इसी साल हैं।

रिटायरमेंट से खुले रास्ते, एसपी स्तर के अफसरों का टोटा : आईपीएस अधिकारियों के 2020 में बड़ी संख्या में रिटायरमेंट से कनिष्ठ अफसरों के पदोन्न्ति के रास्ते खुल रहे हैं। हाल ही में चार आईजी के रिटायरमेंट से रिक्त होने वाले पदों को भरने अधिकारियों की डीपीसी में 2002 बैच को आईजी बनाने की सहमति बनी। वहीं, एसपी से डीआईजी के लिए भी 2006 बैच की डीपीसी में 13 नामों को मंजूरी दी गई है।

इसके चलते 2007 से 2014 बैच के 79 जूनियर आईपीएस एसपी स्तर के बचे हैं, जबकि 2015 के चार अफसरों को भी जल्द ही एसपी का प्रभार दिए जाने की संभावना है। इसके बाद भी एसपी स्तर के अधिकारियों के जिलों में एसपी व एसएएफ में कमाडेंट के ही 77 पद हैं। इनके अलावा पुलिस मुख्यालय में विभिन्न शाखाओं में एआईजी की जरूरत होती है।

मगर कुछ आईपीएस अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर सरकार की नाराजगी से उन्हें मैदानी पोस्टिंग मिलने की संभावना है। ऐसे में एक बार फिर राज्य पुलिस सेवा के उन अधिकारियों को आईपीएस अवार्ड होने के कुछ महीने पहले जिलों की कमान सौंपे जाने तथा पीएचक्यू में राज्य पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों को एआईजी के तौर पर पदस्थ करने जैसी स्थिति बन रही है। ऐसी स्थिति शिवराज सरकार के कार्यकाल में भी बन चुकी है।