सर्दियों में रखें ब्रोंकाईटिस का विशेष ध्यान

 

पांच साल से कम उम्र के बच्चों को ब्रांकाइटिस की समस्या अधिक होती है। वैसे यह समस्या हर उम्र के लोगों में देखी गई है। ऐसे में मरीज को सांस लेने में तकलीफ के साथ खांसी भी होती है, जो कई हफ्तों तक रहती है। बच्चों में ब्रांकाइटिस के कारण बुखार भी हो जाता है। अगर किसी को लगातार बुखार और खांसी रहती है, साथ ही सीने में दर्द और खांसते समय मुंह से खून आता है, तो चिकित्सक से मिलने में देर नहीं करनी चाहिए।

सर में ठंड लग जाने के सरदर्द हो सकता है। सर्दियों में या ठंडी जगह पर यात्रा करने के दौरान सर को ढक कर रखों कई बार ऐसे सरदर्द पानी की कमी के कारण भी होते हैं इसलिए सर्दियों में भी कम से कम 8 गिलास पानी जरूर पीए।

जिन लोगों को गठिया होता है, उन्हें सर्द वातावरण में अधिक परेशानी होती है। ऐसे में सर्दियों से बचाव और थोड़ा व्यायाम कारगर साबित हो सकता है। हार्ट अटैक की समस्या सर्दियों में ब्लड प्रेशर के बढ़ जाने के कारण होती है। ब्लड प्रेशर के बढ़ जाने से हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे हृदयाघात हो सकता है।

6 महीने से 2 साल तक के बच्चों के लिए इन्फ्लूएंजा का टीका बाजार में उपलब्ध है। इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है, इसके लक्षण हैं थकान, बुखार और सांस लेने में तकलीफ इन्फ्लूएंजा की गंभीर स्थितियों में निमोनिया भी हो सकता है।

रेस्पायरेटरी सिनसायशियल वायरस के कारण व्यकित को सरदर्द, बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ होती है। आरएसवी सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। लेकिन बुजुर्गों और नवजात शिशुओं के लिए यह समस्या अधिक गंभीर होती है। बच्चों में सांस लेने में तकलीफ के साथ खांसी भी हो सकती है। ऐसी सिथिति नवजात शिशु के लिए नीमोनिया का कारण भी बन सकती है। यह बहुत ही संक्रामक रोग है और इसके वायरस मरीज के खांसने या छींकने से फैल जाते है।

बच्चों में गैस्ट्रोएंट्राइटिस या आंत में और पेट में सूजन का एक कारण रोटावायरस भी हो सकता है, यह समस्या अकसर सर्दियों के अंत में और गर्मियों की शुरूआत में देखने को मिलती है। इसमें उलिटयों और दस्त की समस्या होती है जिसके कारण शरीर में पानी की कमी हो सकती है। ऐसे में मरीज को ओआरएस देना चाहिएा यह बीमारी दूषित खाना खाने व दूषित पानी पीने से फैलती है।

अगर आप सर्दियों में आलस का अनुभव करते हैं, तो आपको सुबह व्यायाम करना चाहिए। ऐसे व्यायाम करने से आपका तनाव भी कम होगा और आप दिनभर तरोताजा महसूस करेंगे।

व्यायाम करने से शरीर का रक्तसंचार ठीक रहता है। ऐसे व्यायाम का चयन करें जिससे आपकी हृदयगति ठीक रहे। हल्के फुल्के व्यायाम से लीवर को अधिक रक्त पहुंचता है और शरीर के टाक्सिन निकल जाती है।

स्वस्थ रहने के लिए रोग प्रतिरोधी क्षमता का ठीक प्रकार से काम करना बहुत जरूरी होता है। व्यायाम करने से पूरे शरीर में रक्तसंचार ठीक रहता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है, जिससे आपको सर्दी जुकाम नहीं होता।

व्यायाम का लाभ हमें शारीरिक ही नहीं बलिक मानसिक तौर पर भी मिलता है। व्यायाम करने से आप अधिक ऊजार्वान महसूस करते हैं और आपके तनाव स्तर में कमी होती है। सर्दियों में अगर आप कोई नया व्यायाम शुरू कर रहे हैं, तो बहुत देर तक व्यायाम ना करें।

सर्दियों में व्यायाम करने के दौरान सुरक्षित तरीके से व्यायाम करें,अंधेरा होने के बाद और बहुत ठंड पड़ने पर घर के अंदर ही व्यायाम करें अपने पैंरों, हाथों, कान व सर को ढक कर रखे।

(साई फीचर्स)