तोमर पहुंचे बीजेपी कार्यालय, गर्माई सियासत

 

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अचानक सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय पहुंच गए। तोमर के आने से प्रदेश में एक बार फिर प्रदेशाध्यक्ष को लेकर सियासत गर्म हो गई। कुछ ही दिनों में प्रदेशाध्यक्ष के निर्वाचन की तारीख तय होना है। केंद्रीय मंत्री तोमर, प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह और संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ एक घंटे तक बंद कमरे में बैठे।

पार्टी नेताओं की मानें तो इस दौरान आगामी आंदोलन और संगठन के जिलों में अध्यक्ष के चयन को लेकर बातचीत हुई है। फिलहाल 33 जिलों में ही जिलाध्यक्ष की घोषणा हो पाई है। तोमर के ग्वालियर में भी जिलाध्यक्ष का चुनाव होना बाकी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मप्र के नए प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव से पहले हुई इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता राम माधव और विजय सोनकर शास्त्री ने प्रदेशाध्यक्ष को लेकर रायशुमारी कर ली है।

शक्ति प्रदर्शन का दौर : दरअसल, भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष के कई दावेदार हैं और वे अपने समीकरण भी बैठा रहे हैं। संघ की पसंद के चलते खजुराहो से सांसद वीडी शर्मा का नाम भी दौड़ में शामिल है। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी मजबूत दावेदार माना जा रहा है।

इधर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा पहले भी अध्यक्ष रह चुके हैं, इसलिए वे भी दावा ठोक रहे हैं। रविवार को जबलपुर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली को भी प्रदेशाध्यक्ष के निर्वाचन से पहले शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। सियासत के जानकार कह रहे हैं कि जबलपुर में अब तक की सबसे बड़ी रैली हुई है। इधर इंदौर में सीएए के समर्थन में बड़ी रैली निकालकर राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी अपना शक्ति प्रदर्शन किया है।

राकेश सिंह की भी दावेदारी : राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से नजदीकियों के चलते संभावना है कि राकेश सिंह को ही दोबारा मौका मिल जाए। चूंकि राकेश सिंह को अधूरा कार्यकाल मिला था, इसलिए संभावना है कि पार्टी उन्हें एक मौका और दे। मोदी कैबिनेट में मंत्री पद नहीं देने के पीछे यही तर्क दिया जा रहा है कि पार्टी उन्हें संगठन में ही रखना चाहती है। वहीं प्रभात झा की संघ नेताओं के करीबी होने के कारण दावेदारी मजबूत है पर उम्र बंधन के कारण दौड़ से बाहर हो सकते हैं। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा हाईकमान के भरोसे प्रदेशाध्यक्ष पद की दावेदारी कर रहे हैं।