पाँचवीं, आठवीं की परीक्षाएं बोर्ड नहीं, बोर्ड पैटर्न से होंगी

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। भविष्य में होने वाली पाँचवीं और आठवीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न से आयोजित की जायेंगी, लेकिन ये परीक्षाएं बोर्ड के तहत नहीं होंगी।

उक्ताशय के विचार व्यक्त करते हुए रविदास शिक्षा मिशन के अध्यक्ष रघुवीर अहरवाल ने बताया कि अनेक प्राईवेट स्कूल घोषित करते हैं कि उनके यहाँ सीबीएसई पाठ्यक्रम के पैटर्न से शिक्षा दी जाती है। याद रहे पैटर्न अलग चीज है, यहाँ सीबीएसई के तहत परीक्षा नहीं होती, इसी प्रकार कक्षा पाँचवीं तथा आठवीं की परीक्षाओं के लिये बोर्ड पैटर्न से परीक्षा लेने की बात की जा रही है जो बोर्ड परीक्षा नहीं होगी। इस तरह जनता को धोखा दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि देश में विगत 20 सालों से जो शिक्षा नीति लागू की गयी है, उससे गरीबों को शिक्षा क्षेत्र में भारी नुकसान हो रहा है। पहली से आठवीं तक सभी बच्चों को पास करने की नीति से सरकारी स्कूलों की पढ़ायी पूरी तरह बर्बाद हो गयी है। इससे गरीब बच्चे पाँचवी, आठवीं पास होकर भी अनपढ़ के समान दिखायी देते हैं।

रघुवीर अहरवाल द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार सरकार की शिक्षा नीति के खिलाफ पूरे देश में विरोध होने पर सरकार नयी शिक्षा नीति बनाने की विगत कई सालों से मशक्कत कर रही है, लेकिन करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद भी नयी शिक्षा नीति से गरीबों को कोई लाभ नहीं हो रहा है, उल्टे प्राईवेट स्कूलों में आम जनता को जमकर लूटा जा रहा है।

विज्ञप्ति के अनुसार इस असंतोष को दबाने के लिये सरकार ने कक्षा पाँचवीं और आठवीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न से करवाने की व्यवस्था की है, जो जनता के साथ एक खूबसूरत धोखा है। इसमें पूर्व की तरह बोर्ड परीक्षा नहीं होगी, पाँचवीं, आठवीं की अंकसूची भी 25 साल पुरानी अंकसूचियों जैसी नहीं होगी।

रविदास शिक्षा मिशन के अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार से माँग की है कि कक्षा पाँचवीं और आठवीं की परीक्षाएं पूरी तरह बोर्ड परीक्षा हो। इसमें पैटर्न शब्द को हटा दिया जाये, साथ ही कक्षा पहली से आठवीं तक सभी बच्चों को पास करने की नीति खत्म की जाये। केवल एक प्रतिशत प्राईवेट स्कूलों को ही मान्यता दी जाये।