बदलते मौसम में न हों बीमार, अपनायें ये घरेलू नुस्खे

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। मौसम के बिगड़े मिज़ाज से निज़ि एवं सरकारी अस्पतालों में तेजी से वायरल के मरीज़ बढ़े हैं। वायरल से पीड़ित लोगों को सर्दी खांसी और बुखार की समस्याएं आम हैं। चिकित्सकों के दरवाजों पर मरीज़ों की लगी भीड़ देखकर इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वारयल का कहर किस तेजी से फैल रहा है।

जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक दीपक अग्निहोत्री ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि आमतौर पर वायरल पाँच दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन इस बार इसे ठीक होने में आठ से दस दिन तक का समय लग रहा है। ऐसे में कई बार मरीज़ को मलेरिया और टाइफाईड की आशंका भी बलवती हो जाती है। मरीज़ की शंकाओं का निराकरण करने मलेरिया, टाइफाईड की जाँच भी करवायी जा रही है।

वहीं आयुष विभाग के चिकित्सकों की मानें तो तापमान में अचानक परिवर्तन होने या संक्रमण का दौर होने पर मौसमी संक्रमण वाला वायरल बुखार होता है। इससे निपटने के लिये कुछ एंटीबायोटिक दवाओं का सहारा लिया जाता है। परेशान होने पर आप चिकित्सक के पास जायें, उससे पहले कुछ घरेलू नुस्खे आजमाकर भी बुखार को कम या इससे पूरी तरह आराम पाया जा सकता है। वायरल बुखार के लिये प्राकृतिक उपचार सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध हैं।

धनिया चाय : एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच धनिया (बीज) डालकर उबाल लें। थोड़ा दूध और चीनी मिलायें। इसे पीने से वायरल बुखार में बहुत आराम मिलता है।

तुलसी के पत्ते का काढ़ा : आधे से एक चम्मच लौंग पाउडर को लगभग 20 ताजा और साफ तुलसी के पत्तों के साथ एक लीटर पानी में डालकर उबाल लें। पानी घटकर आधा रह जाये, तब तक उबालें। हर दो घण्टे में चाय की तरह सेवन करें।

चावल स्टार्च : एक भाग चावल और आधा भाग पानी डालकर चावल को आधा पकायें। पानी को निथार लें। स्वाद के अनुसार नमक मिलाकर गर्म, गर्म ही पीयें।

सूखे अदरक का मिश्रण : एक कप पानी में दो मध्यम आकार के अदरक के दो सूखे टुकड़े उबाल लें। इसके साथ थोड़ी हल्दी, काली मिर्च, चीनी आदि को उबालें। इसे दिन में चार बार थोड़ा – थोड़ा पीयें।

मैथी का पानी : आधा कप पानी में एक बड़ी चम्मच मैथी के बीज भिगोयें। इस तरह पानी बनाकर दो-दो घण्टे के अंतराल पर पीयें। गौरतलब होगा कि उपरोक्त सभी उपाय घरेलू उपचार हैं। यदि आपका बुखार नहीं उतर रहा है तो आपको डॉक्टर की सलाह लेना चाहिये।